आंदोलनकारी डॉक्टरों ने लोगों से रविवार को ‘खाना न पकाने’ का आग्रह किया है ताकि उनके मुद्दे के प्रति एकजुटता और समर्थन दिखाया जा सके। पिछले कुछ दिनों में जब दुर्गा पूजा उत्सव चल रहा था, तब बड़ी संख्या में आम लोग भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे।
आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल रविवार को नौवें दिन भी जारी रही। वहीं राज्य के विभिन्न इलाकों के लोग भूख हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सांकेतिक उपवास कर रहे हैं। कोलकाता और राज्य के उत्तरी हिस्से के सिलीगुड़ी शहर में आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों में से तीन की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आरजी कर के पूर्व छात्र भी समर्थन में उतरे
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक नेता ने कहा, ‘उनकी (अनशन कर रहे डॉक्टर्स की) हालत खराब होती जा रही है, लेकिन राज्य प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है।’ इस बीच, आर जी कर अस्पताल के पूर्व छात्रों का एक समूह ने भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 12 घंटे का सांकेतिक उपवास किया। हालांकि, उन्हें अदालत के आदेश के बाद अस्पताल में सुरक्षा ड्यूटी पर मौजूद सीआईएसएफ कर्मियों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। पूर्व छात्रों, जिनमें से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक हैं, ने कहा कि वे अपने सांकेतिक उपवास कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। मालदा और मुर्शिदाबाद जिले में भी कई लोग दिन में ‘सांकेतिक उपवास’ कर रहे हैं।
डॉक्टर्स की ये हैं मांगें
आंदोलनकारी डॉक्टरों ने लोगों से रविवार को ‘खाना न पकाने’ का आग्रह किया है ताकि उनके मुद्दे के प्रति एकजुटता और समर्थन दिखाया जा सके। पिछले कुछ दिनों में जब दुर्गा पूजा उत्सव चल रहा था, तब बड़ी संख्या में आम लोग भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे। जूनियर डॉक्टर, आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय और स्वास्थ्य सचिव को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है।
FAIMA ने दी चेतावनी
डॉक्टर्स की भूख हड़ताल की शुरुआत 5 अक्तूबर को हुई, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई। शुक्रवार को, भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्थिति बिगड़ने से पहले हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए पश्चिम बंगाल में 14 अक्टूबर से 48 घंटे के लिए ‘आंशिक रूप से काम बंद’ करने का आह्वान किया है। वहीं फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने भी चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो वे देश भर में ‘चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद’ कर देंगे।
कल्याणी जेएनएम अस्पताल के 75 डॉक्टर्स ने भी दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी
पश्चिम बंगाल के कल्याणी जेएनएम अस्पताल के 75 से अधिक वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी आरजी कर अस्पताल मामले में पीड़िता को न्याय की मांग करते हुए सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है। उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त की है।