Lok Sabha Election 2019 भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने राजनीति की पिच पर उतरते ही धमाल मचा दिया। टीम इंडिया के लिए दो बार विश्व कप जीत में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले 37 वर्ष के गंभीर ने पहली बार भारतीय जनता पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ा।
गौतम गंभीर ने जिस तरह से खेल के मैदान पर खुद को साबित किया वो अब राजनीति के मंच पर भी खुद को साबित करते नजर आ रहे हैं। गौतम गंभीर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं। खेल के मैदान पर जिस तरह से तमाम भारतीय क्रिकेट प्रेमी उन पर भरोसा दिखाते रहे उसी तरह से उनके क्षेत्र की जनता ने उन पर अपना विश्वास जताया है। फिलहाल वो भारी अंतर से अपने क्षेत्र के अन्य उम्मीदवारों से आगे चल रहे हैं। पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से गौतम गंभीर को आप की उम्मीदवार आतिशी मर्लेना और क्रांग्रेस उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली ने टक्कर दी थी।
राजनीति में अचानक आए गौतम गंभीर- राजनीति के मैदान पर गौतम गंभीर की एंट्री अचानक ही हुई। पिछले वर्ष यानी 2018 में गौतम गंभीर ने आइपीएल की टीम कोलकाता को छोड़ा और दिल्ली के साथ जुड़ गए। दिल्ली की टीम ने गंभीर को कप्तानी सौंपी, लेकिन शुरुआती मैचों में ना तो गंभीर चले और ना ही उनकी कप्तानी। उन्हें कुछ मैचों के बाद बिठा दिया गया और टीम की कप्तानी श्रेयस अय्यर के हाथों में सौंप दी गई। इसके बाद वो घरेलू क्रिकेट खेलते रहे और फिर अचानक ही 3 दिसंबर 2018 को क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनके रिटायमेंट के बाद ये कयास लगने लगे थे कि वो राजनीति का दामन थाम लेंगे, लेकिन कब इसके बारे में कुछ साफ नहीं हो रहा था पर इन सब बातों से पर्दा उठ गया और आखिरकार उन्होंने 22 मार्च 2019 को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उनपर भरोसा जताया और उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया। वो राजनीति में आने के बाद क्रिकेट की तरह ही कंट्रोवर्सी का शिकार हुए। आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी के बारे में उनके लोकसभा क्षेत्र में काफी गलत बातें की गई और सारा आरोप गंभीर पर लगा। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि अगर ये आरोप उन पर साबित हो गया तो वो अपनी उम्मीदवारी छोड़ देंगे। ऐसा कुछ साबित हो नहीं पाया जिससे गंभीर की छवि खराब हो। आतिशी ने गंभीर को डिबेट के लिए चैलेंज भी किया था, लेकिन उसके लिए उन्होंने ये कहकर मना कर दिया कि वो धरना और बहस में विश्वास नहीं रखते हैं।
कौन हैं गौतम गंभीर- गौतम गंभीर का जन्म 14 अक्टूर 1981 में नई दिल्ली में हुआ। उनके पिता दीपक गंभीर और माता का नाम सीमा गंभीर हैं। उनके पिता टेक्सटाइल का कारोबार करते हैं जबकि माता हाउस वाइफ हैं। गंभीर की एक बहन हैं जिनका नाम एकता है। गंभीर के जन्म के 18 दिन बार ही उनके ग्रैंडपैरेंट्स ने उन्हें गोद ले लिया था और तब से वो उनके साथ ही रहते हैं। गंभीर ने 10 वर्ष की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। गंभीर की प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से हुई जबकि उन्होंने अपना ग्रैजुएशन हिंदु कॉलेज से किया। गंभीर ने बचपन में अपने कोच संजय भारद्वाज की देखरेख में क्रिकेट के गुर सीखे और वर्ष 2000 में बैंगलुरु के नेशनल क्रिकेट अकेडमी में उनका चयन हो गया। अक्टूबर 2011 में गंभीर ने नताशा जैन से विवाह किया जो एक बिजनेस फैमिली से आती हैं। गंभीर ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच वर्ष 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई में खेला। उन्होंने भारत के लिए कुल 58 टेस्ट मैचों में 41.95 की औसत से 4158 रन बनाए। टेस्ट में उनका बेस्ट स्कोर 206 रन था और उन्होंने 9 शतक लगाए। वहीं वनडे करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2003 में ढ़ाका में बांग्लादेश के खिलाफ किया। वनडे में उन्होंने 39.68 की औसत से 5238 रन बनाए और उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 150 रन रहा। वनडे में उन्होंने 11 शतक लगाए थे। उन्होंने भारत के लिए खेले 37 टी 20 मैचों में 932 रन बनाए थे जिसमें 7 अर्धशतक शामिल है।
खेल के मैदान को हीरो रहे गौतम गंभीर- राजनीति की पिच के हीरो गौतम गंभीर खेल के मैदान पर भी हीरो साबित हुए। वो दो-दो बार टीम इंडिया को विश्व कप खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। धौनी की कप्तानी नें जब भारत ने पहली बार टी 20 विश्व कप खिताब पाकिस्तान के खिलाफ जीता था उस फाइनल मैच में उन्होंने 54 गेंदों पर 75 रन की पारी खेली थी। दक्षिण अफ्रीका में खेले गए इस विश्व कप में गंभीर ने 37.83 की औसत से 227 रन बनाए थे। इसमें तीन अर्धशतक भी शामिल थे। इसके बाद जब धौनी की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने दूसरी बार वनडे विश्व कप जीता था तो श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में गंभीर की 97 रन खेली गई पारी को शायद ही कोई भूल सकता है। उनकी इस पारी ने टीम की जीत की नींव रखी थी। सचिन व सहवाग के आउट हो जाने के बाद गंभीर ने एक छोर से विकेट बचाए रखा और टीम को धीर-धीरे जीत की राह पर ले गए। उन्होंने इस मैच में कप्तान धौनी के साथ 109 रन की मैच जिताने वाली साझेदारी की थी। फाइनल मैच में गंभीर ने 122 गेंदों पर 97 रन बनाए थे। आइपीएल में भी गौतम गंभीर ने कप्तान के तौर पर अपनी काबिलियत साबत की थी। उन्होंने अपनी कप्तानी में कोलकाता की टीम को दो बार इस लीग का विजेता बनाया। गंभीर की कप्तानी में कोलकाता ने 2012 और 2014 में आइपीएल खिताब जीता।