भारत की जनसंख्या हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। युवाओं के इस देश में बेरोजगारी सबसे बड़ा अभिशाप है, लेकिन इसे हमें स्वावलंबी बनकर हटाना है। आध्यात्मिक गुरु रविशंकर ने कहा कि जापान भारत से तीन लाख युवा मांग रहा है, लेकिन कुछ ही लोग गए। वहां काम करने वाले युवाओं की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग युवाओं को प्रशिक्षण देगा और जापानी भाषा सिखाएगा। रविशंकर ने कहा कि अपनी जनसंख्या को हम सकारात्मक रूप से लें। इसे अवसर के रूप में देखें।
खुद संस्कारवान बन बच्चों को दें संस्कार
माता-पिता बच्चों को अच्छे संस्कार दें। बच्चों को साइंस के साथ ही हमारी अपनी संस्कृति व संस्कारों के बारे में बताएं। हमारी अपनी संस्कृति भी हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। किसी को भी अपशब्द बोलना बंद करें। इससे परिवर्तन आएगा। जो हम स्वयं के लिए अच्छा महसूस नहीं करते वह दूसरों के लिए भी न कहे। संस्कृत अवश्य सिखाएं। इससे न्यूरोलंगोस्टिक फंक्शन बदल जाता है। इससे कई बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। इसलिए दुनिया में भर इस ज्ञान का महत्व है।
गुरुजी लौटे तो भर आई भक्तों की आंख
साढ़े छह बजे के आसपास महासत्संग समाप्त हुआ और श्री श्री मंच से जाने लगे तो आयोजन स्थल पर कई भक्तों की आंखे नम हो गई। पिछले पांच सालों के प्रयास के बाद हल्द्वानी में रविशंकर के महासत्संग का कार्यक्रम तय हुआ था। गुरुजी के लौटने के बाद उनके अनुयायी भावुक हो गए। कई भक्त तो लव यू बाबा कहते हुए आवाज देने लगे।
नितिन डाबर ने सुनाए मोहक भजन
महासत्संग की शुरूआत आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े प्रसिद्ध भजन गायक नितिन डाबर ने गणेश वंदना से की। शुक्र तेरा जिक्र तेरा…अक्सर सुना भगवान है, तुमने है दिखाया है भगवान हर आदमी में है। तेरी ज्ञान की कृपा से..जैसे भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इसके बाद उन्होंने मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं तुझ को ढूंढता था जिंदगी से पहले सहित अनेक भजन सुनाए।
वैशाली कॉलोनी में भव्य स्वागत, आज होंगे रवाना
दोपहर एक बजे के आसपास पंतनगर एयर पोर्ट पर आने के बाद रविशंकर कार से हल्द्वानी पहुंचे। यहां नैनीताल रोड स्थित वैशाली कालोनी में आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े आरएस कालाकोटी के आवास पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। दोपहर को हल्का भोजन और कुछ देर विश्राम करने के बाद रविशंकर पांच बजे सत्संग स्थल पर पहुंचे। शाम को सत्संग से लौटने के बाद रविशंकर वापस वैशाली कॉलोनी पहुंचे। इस दौरान भी उन्होंने लोगों से मुलाकात का सिलसिला जारी रखा। संस्था से जुड़े लोगों ने बताया कि शुक्रवार को हल्द्वानी में ही रात्रि विश्राम करने के बाद रविशंकर शनिवार को दिल्ली रवाना होंगे।
नैब संस्था के बच्चों ने सुनाया गीत
महासत्संग आरंभ होने से पूर्व गौलापार नैब संस्था के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति दी। दृष्टि बाधित बच्चों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भक्ति गीत से प्रेरित किया।
ये लोग रहे उपस्थित
इसमें आर्ट ऑफ लिविंग के दीपक गुप्ता, उद्योग भारती, भूषण तिवारी व दैनिक जागरण के महाप्रबंधक डॉ. राघवेंद्र चड्ढा, उद्यमी गोपाल पाल, पूर्व दर्जा मंत्री महेश शर्मा, नीरज शारदा, केके कांडपाल, सचिन नेगी, डॉ. प्रदीप पांडे, डॉ. बीएस बिष्ट, दीपक सुयाल, हिमांशु उपाध्याय, डॉ. एचसी सती, दीपक बल्यूटिया, समित टिक्कू आदि शहर के गणमान्य शामिल रहे। आयोजन में विदेशी भक्त भी पहुंचे थे।