आज मंगलवार दिनांक 29.08.2017 को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी पड़ रही है। हिन्दू धर्म के अनुसार आज के दिन दूर्वा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। आज के दिन दूर्वा से भगवान शिव के परिवार के पूजन का विधान है। भविष्योत्तरपुराण, स्मृतिकौस्तुभ, हेमाद्रि, कृत्यकल्पतरु, पुरुषार्थचितामणि जैसे प्राचीन धर्म शास्त्रों में दूर्वा घास का व्याख्यान मिलता है।
भगवान गणेश को प्रिय है दूर्वा:
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दूर्वा गणेश जी को अत्यंत ही प्रिय है। इसे अमृता, शतपर्वा और भार्गवी के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना के समय 2,3 या 5 दूर्वा अर्पित करने का विधान है। यज्ञ कार्य में 3 दूर्वा का प्रयोग आणव, कार्मण और मायिक रूपी अवगुणों को दूर करने के लिए किया जाता है। आज के दिन तिल और गेंहू के आटे से बने पकवान चढाने का भी विधान है। दूर्वा अष्टमी के विशेष पूजन से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं एवं दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है।
पूजन विधि:
आज के दिन भगवान शंकर के पुरे परिवार का विशेष पूजन करने का विधान है। इसमें भगवान शंकर, माता पार्वती और गणेश जी प्रमुख हैं। पुरे परिवार का विधिवत पूजन करें। सबसे पहले घी का दीपक जलाएं। गूगल धूप करने के बाद लाल फूल अर्पित करें। 21 दूर्वा मौली में बाँधकर शिव परिवार के ऊपर अर्पित करें। इसके बाद सिंदूर चढ़ाकर गेंहू और तिल से बने पकवान का भोग लगायें। इसके उपरांत रुद्राक्ष की माला से इस विशिष्ट मानता का जाप करें बाद में प्रसाद को बाँट दें।
विशिष्ट मंत्र:
दुर्वा करान्सह रितान मृतन्मंगल प्रदान। आनी तांस्तव पूजार्थ गृहाण परमेश्वर॥
पूजन मुहूर्त:
दिन 13:45 से दिन 14:15 तक अथवा शाम 18:10 से शाम 19:10 तक तक।
अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:56 से दिन 12:46 तक।
अमृत काल:
प्रत 11:21 से दिन 13:08 तक।
यात्रा महूर्त:
दिशाशूल – उत्तर, राहुकाल वास – पश्चिम। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।
वर्जित महूर्त:
प्रातः सूर्योदय से दिन 13:42 तक भद्रा (स्वर्ग) रहेगी जिसमे शुभ कार्य वर्जित है।
शुभ रंग:
सिंदूरी।
शुभ दिशा:
ईशान।
शुभ समय:
शाम 18:30 से शाम 19:30 तक।
शुभ मंत्र:
ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं॥
शुभ टिप्स:
जीवन के सभी संकटों के नाश के लिए आज के दिन गणेश जी पर 11 दूर्वा चढ़ाएं।
जन्मदिन के लिए शुभ:
जीवन में सफलता पाने के लिए आज के दिन शिवालय में शमी बिल्व पत्र चढ़ाएं।
एनिवर्सरी के लिए शुभ:
अगर आपके और पत्नी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है तो दोनों शिवालय में तिल और गेहूं का दान करें, इससे दांपत्य संबंध ठीक होंगे।