भारत के वीर सपूत विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने भारत को सौप दिया हैं। पाकिस्तान के कब्ज़े में दो दिनों तक रहने के बाद वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को सुपुर्द करा गया हैं। अभिनंदन को भारत को सौंपे जाने के बाद उन्हें वाघा बॉर्डर से अमृतसर ले जाया जाएगा। वाघा बॉर्डर पर अभिनन्दन को लेने के लिए सेना और वायुसेना के वरिष्ट अधिकारी पहुंचे हैं। वही अभिनन्दन की मुलाकात उनके परिवार से भी होगी। हालांकि यह मुलाकात कुछ ही समय की होगी क्यूंकि वायुसेना के सैन्य अधिकारी उन्हें तुरंत लेकर मेडिकल जांच के लिए दिल्ली रवाना होंगे।
अभिनंदन ने पाकिस्तानी हवाई हमले का जवाब बहुत ही बहादुरी और साहस के साथ दिया। पाक सेना की गिरफ्त में होने के बावजूद वो कभी भी चिंतित नहीं हुए यह बात अभिनंदन के अंदर भरी बहादुरी और साहस का परिचय देती है। अभिनंदन के इस अदम्य शौर्य और साहस के बावजूद भी उनके वतन वापसी के बाद अभिनंदन के साथ भारतीय कानून के मुताबिक युद्ध बंदी रहे किसी भी जवान के साथ जैसा बर्ताव किया जाता है, वैसा ही बर्ताव उनके साथ भी किया जाएगा।
मंगलवार को भारतीय वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अगले दिन बुधवार को अभिनंदन एक विमान क्रैश के बाद पाकिस्तानी ऑर्मी के कब्जे में चले गए जिसके बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ। इस वीडियो को देखने के बाद पूरे देश में अभिनंदन की वापसी के लिए दुआएं की जाने लगीं। भारत सरकार ने बेहतर कूटिनीति का परिचय देते हुए पाकिस्तान पर ऐसा दबाव बनाया कि अगले ही दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अभिनंदन को भारत को सौंपने का ऐलान कर दिया।
बता दे कि इस तरह के मामले में जिनेवा कन्वेंशन के तहत रेडक्रॉस सोसाइटी की जांच करना ज़िम्मेदारी बनती है। इसीलिए सबसे पहले इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसाइटी अभिनंदन को अपने साथ ले कर जाएगी और उनकी पूरी जांच की जाएगी। ये जांच ये आंकने के लिए कि जाएगी कि उन्हें किसी तरह का शारीरिक नुकसान तो नहीं हुआ है। वही उन्हें किसी तरह के कोई ड्रग्स दिये गये हैं या नहीं, इस जांच में इस बात पर भी ध्यान जिया जाएगा की इन दो दिनों के भीतर विंग कमांडर को शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना दी गई या नहीं, अगर इस तरह की बात सामने आती हैं तो जिनेवा कन्वेंशन के तहत इसके दस्तावेज़ तैयार किये जाएंगे और उसके बाद भारतीय वायु सेना को सुपुर्द किए जाएंगे।
दिल्ली आने के बाद वायुसेना अपनी मेडिकल टीम से सबसे पहले उनकी जांच कराएगी। जिसके लिए विशेषज्ञ नियुक्त किये गए हैं। मेडिकल टेस्ट से गुजरने के बाद विंग कमांडर से वायुसेना के अफसरों की बातचीत होगी, जो दिल्ली में वायुसेना के मुख्यालय में की जाएगी। यही पर इंटेलिजेंस डीब्रीफिंग होगी और इन बीते 2 दिनों के हालत पर बात और पूरी तहकीकात की जाएगी।
वायुसेना के अधिकारी सहित इस पूछताछ में रॉ, आईबी, सेना, गृह मंत्रालय, रक्षा विभाग के वरिष्ट अधिकारी भी शामिल रहेंगे। इस इंटेलिजेंस डीब्रीफिंग का मकसद उन सभी बातो का पता लगाना हैं जो अभिनन्दन के साथ बीते दो दिनों में बीता हैं। इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी। अगर भारत ये सोचता है कि कुछ आपत्तिजनक चीजें हुई हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश किया जाएगा। भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन की भारत वापसी को लेकर आज पूरे देश में जहां जश्न का माहौल है।
इस बात में कोई शक नहीं कि अभिनंदन ने दुश्मनों के सामने अदम्य साहस और बहादुरी का सबूत दिया है, जिससे हमारा देश गौरवान्वित हुआ है। लेकिन यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि इन-सर्विस ला के मुताबिक अभिनंदन को भी अन्य युद्ध कैदियों की तरह पूछताछ की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
खबरें इस तरह की भी हैं की देर शाम या कल प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से भी अभिनन्दन की मुलाकात हो सकती हैं। यहाँ बताना ज़रूरी हैं की दुश्मन देश से लौटे सैनिको को कभी भी मीडिया के सामने नहीं लाया जाता हैं। न ही उनसे कोई बयाना दिलवाया जाता हैं। ये साड़ी प्रक्रिया बहुत ही गोपनीय तरीके से अंजाम दी जाएगी।
गौरतलब हैं की ऐसे मामलो में आम तौर पर देखा गया हैं की दुश्मन वतन से लौटने वाले सैन्य अफसरों और सैनिको को पहले के मुकाबले अन्य कामो में लगाया जाता हैं। वायुसेना के सूत्रों के अनुसार अभिनन्दन को कभी वायुसेना का अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। अगर जांच में सबकुछ ठीक निकलता है तो अभिनंदन को ड्यूटी ज्वाइन करने या फिर घर जाने की अनुमति होगी।
हम आपको बताना चाहेंगे कि अभिनंदन ने पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट का मुकाबला सालों पुरानी तकनीक के फाइटर प्लेन मिग 21 के साथ बहादुरी से किया है। उनके इस साहस का भारतीय एजेंसियां भी सम्मान करती हैं लेकिन दुर्भाग्यवश अभिनंदन को भी युद्धबंदी से की जाने वाली कड़ी पूछताछ की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
पाकिस्तान जैसे ही विंग कमांडर अभिनंदन को जैसे ही भारत को सौंपेगा उन्हें भारतीय वायु सेना इंटेलिजेंस के सुपुर्द कर दिया जाएगा। जिसके बाद सबसे पहले अभिनंदन के कई परीक्षण और जांच की जाएंगी ताकि यह मालूम हो सके कि वो पूरी तरह से फिट और स्वस्थ हैं। इसके अलावा उनके शरीर की पूरी स्कैनिंग की जाएगी ताकि यह तय हो सके कि दुश्मन देश ने उनके शरीर में जासूसी के लिए कोई चिप तो नहीं लगाया गया।
हम कारगिल वार के दौरान नचिकेता के मामले में देख चुके हैं इसके अलावा आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी और फील्ड मार्शल रह चुके केएम करियप्पा के बेटे एयर मार्शल केसी करियप्पा का एपिसोड भी देख चुके हैं इन जांबाजों ने भी दुश्मन देश की गिरफ्त में होने के बावजूद कोई कोई खुलासा नहीं किया था।