यूपी के आजमगढ़ से 35 किलोमीटर दूर एक ऐसे विधायक हैं जो दिखने में तो सरल हैं, लेकिन जनहित के काम में कोई कसर नहीं छोड़ते. इनकी उम्र जानकर आप हैरान हो जाएंगे मगर बेहद सक्रिय रहते हैं. इनकी फिटनेस का राज है, कम खाओ, पैदल चलो और खूब पानी पियो.
सादगी से जीवन जीने वाले 82 साल के सपा विधायक का नाम है आलम बदी. जो आजमगढ़ की निज़ामाबाद विधानसभा सीट से तीन बार से विधायक हैं. बदी के पास गाड़ी तक नहीं है. ऐसे में ये कभी किसी कार्यकर्ता की गाड़ी में बैठ जाते हैं, तो कभी सड़क पर जो मिला उससे ही लिफ्ट ले लेते हैं.
कोई ठेकेदार जल्दी से नहीं लेता टेंडर
आलम बदी का कहना है कि न मैं कमीशन खाता हूं और न ही मेरा कोई बेटा ठेकेदारी करता है. इलाके में मशहूर है कि बदी की विधायक निधि का टेंडर जल्दी कोई ठेकेदार नहीं लेता, क्योंकि वो सड़क, नाला, या कोई भी काम खुद खड़े होकर कराते हैं. काम कमी होने पर ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कराने से भी चूकते नहीं हैं.
केशव मौर्य का बड़ा आरोप- मुख्यमंत्री आवास में छिपा है गायत्री प्रजापति
रोडवेज से करते हैं सफर
विधानसभा सत्र के दौरान लखनऊ जाने के लिए वो यूपी रोडवेज की बस में अपने पास का इस्तेमाल करते हैं. बदी मैकेनिकल इंजीनियर हैं, शुरु में नौकरी भी की, लेकिन नेहरू, बोस, गांधी से प्रेरणा लेकर समाजसेवा में आ गए. 1996 में पहली बार समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और जीत गए. तब से अब तक 3 बार चुनाव जीत चुके हैं, 5वीं बार लड़ रहे हैं. सिर्फ एक बार थोड़े से वोटों से हार गए थे.
कभी नहीं मांगा मंत्री पद
आलम बदी ने बताया कि मुलायम सिंह यादव और फिर अखिलेश यादव ने मंत्री बनने को कहा तो हमने इंकार कर दिया. वो कहते हैं कि मैं आज तक टिकट या निशान मांगने नहीं गया, नेताजी और अखिलेश खुद ही भेज देते हैं. उन्होंने मंत्री बनने को कहा तो मैंने किसी नौजवान को बनाने का सुझाव दिया. बदी कहते हैं कि वो मंत्री बन जाते तो अपने इलाके से दूर हो जाते.
लौटा दिया सरकारी गनर
आलम बदी ने बताया कि जब उन्होंने चुनाव जीत तो सरकार की तरफ से दो गनर मिले थे. वो हमने ये कहकर लौटा दिया कि एक आदमी को दो गनर की क्या जरूरत. आलम बदी के चुनाव प्रचार की खास बात ये है कि वो सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही प्रचार करते हैं. उन्होंने बताया कि 2012 का चुनाव महज 2 लाख रुपए में ही लड़ा था. इस बार अब तक 2 लाख ही चुनाव में खर्च आया है.
आलम बदी के 6 बेटे हैं पर किसी को पिता की विधायकी से कोई फायदा नहीं है. आलम इस बार दावा कर रहे है कि चुनाव जीते तो महिलाओं को शौच के लिए खेत में नहीं जाने देंगे.