कोरोना के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। ऑक्सीजन का एक सिलेंडर जो सामान्य रूप से 10 हजार रुपये में हमेशा के लिए खरीदा जा सकता है, उसे कंपनियां 10 हजार रुपये महीने पर उपलब्ध करा रही हैं। राजधानी में ज्यादातर जगहों पर ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता में कमी हो गई है और हर जगह दो-चार दिन के इंतजार के बाद ही सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है।
हालांकि दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों में पांच हजार से भी ज्यादा कोरोना बेड्स उपलब्ध हैं और इनमें जाकर कोरोना का इलाज कराया जा सकता है। लेकिन यहां भी ऑक्सीजन वाले बेड्स की उपलब्धता काफी कम है। बेड्स की इसी कमी को देखते हुए कोरोना मरीजों के परिवार अपने घरों पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर रखवाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
मेडीटेक हेल्थकेयर के तकनीकी सहायक उमाशंकर ने मीडिया को बताया कि वे कोरोना मरीजों के घर पर ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए मरीजों से लगभग 12 हजार रुपये मासिक का चार्ज लेते हैं। अगर मरीज एक हफ्ते में भी ठीक हो जाता है तो भी मशीन का एक महीने का किराया चुकाना पड़ता है।
इस 12 हजार रुपये में कंपनी का तकनीकी सहायक मरीज के घर पर ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन लगाता है। साथ ही मरीज के लिए मास्क की सुविधा भी उपलब्ध करवाता है। हालांकि, यहां इस समय कंपनी के पास कोई भी कंसन्ट्रेटर उपलब्ध नहीं है। पहले से बुक करने पर यह एक से दो दिन के बीच उपलब्ध कराया जा सकता है।
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर एक ऑक्सीजन बनाने वाली विशेष मशीन होती है, जो बिजली से चलती है। इसमें कभी ऑक्सीजन खत्म नहीं होती, जबकि ऑक्सीजन का सिलेंडर खत्म हो जाने के बाद इसे दोबारा से रिफिल कराना पड़ता है।
फिलिप्स रेस्पिरेशन ने बताया कि वे ऑक्सीजन का छोटा (4.2 लीटर) और बड़ा (10.2 लीटर) दोनों प्रकार का सिलेंडर उपलब्ध कराते हैं। इस समय इन सिलेंडरों को लगाने की मासिक फीस 10 हजार रुपये हैं, जो कि मरीज को एडवांस में चुकानी पड़ती है। इसमें रेगुलेटर, चाबी और मास्क की कीमत शामिल है।
इसके बाद सिलेंडर खत्म हो जाने पर 400 रुपये प्रति सिलेंडर के हिसाब से रिफिल कराना पड़ता है। मशीन को एक बार लाने के लिए मरीज को 180 रुपये का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज अलग से देना पड़ता है।
ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर से लगभग पांच घंटे और बड़े सिलेंडर से लगभग 15 घंटे तक मरीज को ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित की जा सकती है।