मौसम विभाग की तरफ से अच्छी बारिश के अनुमान के बाद साउथ दिल्ली की मेयर कमलजीत सेहरावत ने जलभराव से निपटने के लिए निगम के इंजीनिरिंग विभाग के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में उन सभी जगहों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई जहां हर साल जलभराव के कारण लोग परेशान होते हैं. जैसे संगम विहार, मूलचंद अंडरपास, कुशक ड्रेन, मेहरौली, डिफेंस कॉलोनी और नजफगढ़. बैठक में मेयर को अफसरों ने बताया कि जलभराव से निपटने के लिए हर जोन में 10 पंप दिये गए हैं. जबकि 26 पंप पहले से लगे हुए हैं. इसके अलावा हर जोन में मोबाइल पंप भी हैं जिसको जरुरत के हिसाब से सीधे जलभराव वाली जगह पर ले जाया जा सकता है.

एमसीडी के नाले साफ, दिल्ली सरकार के नहीं- मेयर
बैठक में मेयर ने बताया गया कि निगम ने अब तक अपने 258 नालों में से 95 फीसदी गाद निकाल ली है. इन नालों की लंबाई 166 किलोमीटर है. इसके साथ ही मेयर कमलजीत ने भी पुराना राग अलापा और कहा कि निगम के नाले तो साफ हैं लेकिन वो आगे जाकर दिल्ली सरकार के नालो में गिरते है जो साफ नही हैं. यही वजह है कि जलभराव होता है. मेयर ने कहा कि इसके लिए कई बार दिल्ली सरकार के विभागों से सम्पर्क साधने की कोशिश की गई लेकिन बातचीत नहीं हो पाई. अब एमसीडी सरकार के साथ किए गए हर पत्राचार की एक फाइल बनाएगी ताकि ये बताया जा सके कि सच क्या है.
बैठक में निगम के इंजीनियरिंग विभाग, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, दिल्ली जल बोर्ड, रेलवे, NHAI, एनडीएमसी, इरिगेशन एंड फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट, बीएसईएस, दूसिब और DSIIDC के अफसरों को बुलाया गया था. बैठक में मेयर ने कहा कि हर साल जलभराव के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और सड़कों पर लोगों के कई कई घण्टे जाम में बर्बाद हो जाते हैं. लेकिन जब जिम्मेदारी की बात आती है यो सभी विभाग एक दूसरे पर उंगली उठाने लगते हैं. मेयर ने कहा कि इस बार सभी विभाग एक दूसरे के साथ तालमेल बैठाकर काम करे तो पिछले सालों जैसे हालात होने से रोका जा सकता है.
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