अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले यूपी के बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने हुए दावा किया है कि 25 नवम्बर को अयोध्या में राम भक्त जुट रहे हैं. जिसमें 1992 के इतिहास को दोहराया जाएगा. उनका कहना है कि जरूरत पड़ी तो संविधान को तोड़ कर करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के लिए राम मंदिर बनाया जाएगा. सुरेन्द्र सिंह ने मोदी सरकार के कार्यकाल में मंदिर निर्माण का दावा करते हुए यहां तक कह डाला कि मंदिर निर्माण में अगर सरकार भी आड़े आएगी तो संघ के आवाहन पर हम लोग बीजेपी के विधायक होते हुए भी संघ के आवाहन का पालन करेंगे.
इससे पहले राम मंदिर मुद्दे पर सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जिस देश का नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री और योगी आदित्यनाथ जैसा हिंदूवादी मुख्यमंत्री हो और वहां भगवान राम टेंट में रहे तो इससे बड़ा दुर्भाग्य भारत और हिन्दू समाज के लिए नहीं हो सकता. इसलिए ऐसी परिस्थिति बनाई जानी चाहिए कि राम मंदिर अयोध्या में बने.
सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि ‘अब राम मंदिर बनने में और देरी नहीं होनी चाहिए. भगवान हर संविधान से उपर हैं. ऐसे में अयोध्या में निश्चित स्थान पर भगवान राम का मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए’.
बता दें कि देश भर में अयोध्या विवाद को लेकर आए दिन विवादित बयान सामने आते हैं. हिन्दूवादी नेता जहां हर कीमत पर मंदिर बनाने की बात कहते हैं वहीं दूसरा पक्ष कोर्ट के फैसले के इंतजार की बात करता हुए हिन्दूवादी नेताओं पर निशाना साधता नजर आता है.
चुनाव से पहले अयोध्या राजनीतिक दलों के लिए अखाड़ा बनता जा रहा है. वीएचपी 25 नवंबर को अयोध्या में संत सम्मेलन करने जा रही है, वहीं शिवसेना ने उसी दिन अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बड़ी रैली कराने की घोषणा की है. इतना ही नहीं आरएसएस के साथ साधु-संतों ने भी जल्द राम मंदिर निर्माण का आह्वान किया है. वहीं देशभर से साधु-संतों के साथ विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वहां जुटने की तैयारी में हैं.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि राम मंदिर भारतीय जनता पार्टी का नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद का आंदोलन है. बीजेपी राम मंदिर निर्माण का समर्थन करती रही है. केशव ने आगे कहा कि राम जन्मभूमि पर जब भी बनेगा राम मंदिर बनेगा, बाबर का मकबरा नहीं बनेगा.
डिप्टी सीएम ने कहा कि बीजेपी अब भी चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आ जाये या आपसी समझौते से राम मंदिर बन जाये. सुप्रीम कोर्ट और आपसी समझौते से मंदिर नहीं बनता है तो तीसरा विकल्प अध्यादेश है. केशव ने कहा कि बीजेपी के लिए राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं है. राम मंदिर नहीं बना इसके लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार है.
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