सूर्य की आराधना का महापर्व छठ पूजा 18 नवंबर से शुरू हो चुका है। ऐसे में 20 और 21 नवंबर को सूर्य को विशेष अर्घ्य दिया जाने वाला है। ज्योतिषों के मुताबिक छठ पूजा के अलावा रोज सुबह सूर्य की पूजा करना बड़ा ही शुभ होता है। जी हाँ, सूर्य देव की पूजा करने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। कहा जाता है रोज सुबह सूर्योदय के समय अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। अगर भविष्य पुराण के ब्राह्मपर्व को माने तो उसके अनुसार श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा का महत्व बताया है। जी दरअसल ब्राह्मपर्व के सौरधर्म में सदाचरण अध्याय में बताया गया है कि ‘जो लोग सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं, उन्हें सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए।’ इसी के साथ यह भी बताया गया है कि रोज सुबह सूर्य को पहली बार देखते समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं वह मन्त्र।

सूर्य मंत्र :- ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम: आदि।
कहते हैं घर से बाहर कहीं जाते समय जब भी सूर्य मंदिर दिखाई दे तो सूर्यदेव को प्रणाम जरूर करना चाहिए। इसी के साथ ध्यान रखे कि सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें। कहा जाता है सूर्य के लिए रविवार को गुड़ का दान करना चाहिए और जल चढ़ाते समय सूर्य को सीधे नहीं देखना चाहिए। इस दौरान गिरते जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए। कहते हैं अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र का जाप करना चाहिए, जो यह है।
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
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