भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर बातचीत के बावजूद तनाव अभी बरकरार है. चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास अपनी फौज बनाए रखी है.
इसे देखते हुए भारत ने भी अपनी सेना तैनात कर रखी है. चीनी फौज लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक डटी हुई हैं, लिहाजा भारत ने भी इसके जवाब में बड़ी संख्या में अपनी सेना तैनात की है. सीमा विवाद को देखते हुए भारत ने इस इलाके में रिजर्व फौज भी भेजी है.
सरकार के एक अतिविश्वस्त सूत्र ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि लद्दाख में चीन ने जो हरकत की है, उसे देखते हुए भरोसा नहीं किया जा सकता. उनकी मंशा क्या है, इसका भी कोई पता नहीं.
इन सभी स्थितियों को देखते हुए लद्दाख क्षेत्र में अतिरिक्त फौज लगाई गई है. केवल लद्दाख ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी फौज की पूरी तैयारी है.
सूत्रों ने बताया कि नजदीकी कोर से इन इलाकों में इंफेंट्री के तीन डिविजन और दो अतिरिक्त ब्रिगेड को तनाव वाले इलाकों में भेजा गया है. हिमाचल प्रदेश में भी अतिरिक्त फौज लगाई गई है.
अभी हाल में वेस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्ट. जनरल आरपी सिंह ने इस इलाके की अग्रिम चौकियों का दौरा किया था. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने दौरे में हालात का जायजा लिया और आगे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए फौज को तैयार रहने का निर्देश दिया. यही हाल उत्तराखंड के सीमाई इलाकों का है जहां गढ़वाल और कुमाउं सेक्टर में फौज की सक्रियता बढ़ा दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड के फॉरवर्ड सेक्टर में आर्मी की मदद के लिए चिन्यालिसौर में वायु सेना भी एक्टिव मोड में है. बता दें, सरहद पर बाराहोती इलाके में चीनी फौज लगातार अपने हेलिकॉप्टर भेज रही है.
इससे रह-रह कर दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. गढ़वाल सेक्टर में स्थित भारत की अंतिम चौकी से 30 किमी आगे चीन ने अपनी बड़ा सैन्य ठिकाना बना लिया है.
सूत्रों ने बताया कि सिक्किम में चीन के साथ लगती सीमा पर भी भारत ने बड़ी संख्या में सेना लगाई है. यहां के नाकुला सेक्टर में भी चीन की हलचल देखी जा रही है.
भारत की ओर से कुछ ऐसी ही तैयारी अरुणाचल प्रदेश में भी है. यहां के ईस्टर्न सेक्टर में माउंटेन स्ट्राइक कोर को किसी भी हालात से निपटने के लिए तैनात कर दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि अरुणाचल के उस ओर चीन बिना किसी वजह फौज की संख्या बढ़ा रहा है, इसलिए बिना कोई मौका गंवाए भारत भी फौजी गतिविधि में कमी नहीं छोड़ना चाहता.
बता दें, बीते 4 मई से एलएसी पर सेना की सक्रियता बढ़ी है क्योंकि चीन कई दिनों से लगातार अपनी फौज भेज रहा है. आगे अगर हालात बिगड़ते हैं तो सेना ने सुकना के 33 कोर, तेजपुर के 4 कोर और रांची स्थित 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को तैनात रहने के लिए कहा है.