पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने गुरुवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार के बजट पर कई सवाल खड़े किए हैं।उन्होंने बजट पर 12 सवालों के जरिए केंद्र को घेरने की कोशिश की है। इस बजट से राजकोषीय घाटा पर प्रभाव पड़ा है। सरकार ने बजट में मिडिल क्लास को कोई राहत नहीं दी। एनडीए सरकार को मेहनतकश मिडल क्लास पर ज्यादा टैक्स लगाने की बजाय अमीर घरानों पर ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा ‘मौजूदा सरकार को भविष्य में आंकड़ों से छेड़छाड़ कर तथ्यों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने वाली सरकार कहा जाएगा। सरकार जीडीपी बढ़ने का दावा पेश करती है लेकिन दूसरी तरफ देश में रोजगार हर दिन घट रहे हैं।’
इससे पहले चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सबका साथ-सबका विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि चार साल में तो अच्छे दिन आए नहीं शेष 12 महीनों में क्या आएंगे।
चिदंबरम ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा इस सरकार का आखिरी आम बजट है इसके लिए भगवान को धन्यवाद देता हूं। बजट को 29 जनवरी को जारी आर्थिक सर्वे में दिए गए अधिकारिक आंकड़ों के तथ्यों से देखना चाहिए। इस तरह के बजट से 2017-18 में जीडीपी की दर बढ़ना संभव नहीं है।