सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई। यह समलौंण थी डेमस्क रोज ऑयल, जो वहां के किसानों ने पहली बार तैयार किया। अभी तक वे गुलाब जल बनाते आ रहे थे। नई पहल से उत्तराखंड के रोज ऑयल की ब्रांडिंग तो हुई ही, अब सगंध खेती से जुड़े किसानों की आर्थिकी और मजबूत होगी। इस गुलाब तेल की बाजार में कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। प्रदेश में सगंध खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों में जुटे सगंध पौधा केंद्र (कैप) की पहल पर चमोली जिले के जोशीमठ व थराली क्षेत्र में काफी संख्या में किसान डेमस्क रोज की खेती से जुड़े हैं। कैप के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि अभी तक वहां के किसान गुलाब के फूलों से उत्तम क्वालिटी का गुलाब जल तैयार करते थे। पहली बार वहां गुलाब ऑयल तैयार किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इसे प्रधानमंत्री को इसे सौंपने से किसान गदगद हैं। डॉ. चौहान के अनुसार गुलाब में डेमस्क रोज की खेती खासी लाभप्रद है। इसमें एक हेक्टेयर से 25 कुंतल फूल का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि इसके फूलों से निर्मित होने वाले ऑयल की कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। पीएम के मन की बात में उत्तराखंड के इस जिले को तरजीह, जानिए यह भी पढ़ें इसे देखते हुए राज्य में क्लस्टर आधार पर डेमस्क रोज की खेती की जा रही है। वर्तमान में इसके 39 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

चमोली के किसानों ने नमो को दी उत्तराखंडी महक की पहली भेंट

सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई। यह समलौंण थी डेमस्क रोज ऑयल, जो वहां के किसानों ने पहली बार तैयार किया। अभी तक वे गुलाब जल बनाते आ रहे थे। सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई। यह समलौंण थी डेमस्क रोज ऑयल, जो वहां के किसानों ने पहली बार तैयार किया। अभी तक वे गुलाब जल बनाते आ रहे थे।   नई पहल से उत्तराखंड के रोज ऑयल की ब्रांडिंग तो हुई ही, अब सगंध खेती से जुड़े किसानों की आर्थिकी और मजबूत होगी। इस गुलाब तेल की बाजार में कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है।   प्रदेश में सगंध खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों में जुटे सगंध पौधा केंद्र (कैप) की पहल पर चमोली जिले के जोशीमठ व थराली क्षेत्र में काफी संख्या में किसान डेमस्क रोज की खेती से जुड़े हैं।   कैप के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि अभी तक वहां के किसान गुलाब के फूलों से उत्तम क्वालिटी का गुलाब जल तैयार करते थे। पहली बार वहां गुलाब ऑयल तैयार किया गया।   मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इसे प्रधानमंत्री को इसे सौंपने से किसान गदगद हैं। डॉ. चौहान के अनुसार गुलाब में डेमस्क रोज की खेती खासी लाभप्रद है। इसमें एक हेक्टेयर से 25 कुंतल फूल का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि इसके फूलों से निर्मित होने वाले ऑयल की कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है।    पीएम के मन की बात में उत्तराखंड के इस जिले को तरजीह, जानिए यह भी पढ़ें इसे देखते हुए राज्य में क्लस्टर आधार पर डेमस्क रोज की खेती की जा रही है। वर्तमान में इसके 39 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

नई पहल से उत्तराखंड के रोज ऑयल की ब्रांडिंग तो हुई ही, अब सगंध खेती से जुड़े किसानों की आर्थिकी और मजबूत होगी। इस गुलाब तेल की बाजार में कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। 

प्रदेश में सगंध खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों में जुटे सगंध पौधा केंद्र (कैप) की पहल पर चमोली जिले के जोशीमठ व थराली क्षेत्र में काफी संख्या में किसान डेमस्क रोज की खेती से जुड़े हैं। 

कैप के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि अभी तक वहां के किसान गुलाब के फूलों से उत्तम क्वालिटी का गुलाब जल तैयार करते थे। पहली बार वहां गुलाब ऑयल तैयार किया गया। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इसे प्रधानमंत्री को इसे सौंपने से किसान गदगद हैं। डॉ. चौहान के अनुसार गुलाब में डेमस्क रोज की खेती खासी लाभप्रद है। इसमें एक हेक्टेयर से 25 कुंतल फूल का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि इसके फूलों से निर्मित होने वाले ऑयल की कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। 

इसे देखते हुए राज्य में क्लस्टर आधार पर डेमस्क रोज की खेती की जा रही है। वर्तमान में इसके 39 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

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