दुनिया का हर व्यक्ति यही चाहता है की उसके घर में सदैव सुख-शांति बनी रहे, घर के सभी सदस्य स्वस्थ और खुशहाल ज़िंदगी जिएं। धन तथा अन्न की कोई कमी ना रहे। परंतु कभी न कभी किसी एक मामूली वजह से अनजाने में ही सही पर कुछ न कुछ समस्याएँ घर आ ही जाती हैं। और माने या ना माने पर इन सभी समस्याओं की जड़ कहीं ना कहीं आपके घर में पहले से उपस्थित नकारात्मक ऊर्जा ही होती है। जिस वजह से ना समस्याएँ दूर होती है और ना उनका पता चल पाता है।
यदि आपको भी ऐसी ही कुछ समस्याओं से जूझना पड़ रहा है तो आज ही आप अपने घर एक लकड़ी की बांसुरी ले आयें। ये वास्तु और सकारत्मक ऊर्जा का बहुत ही सटीक उपाय है। मानना है की जिस घर में बांसुरी स्थापित होती है उस घर में भगवान श्रीकृष्ण का वास होता है और उनकी उपस्थिती जिस घर में होती वहाँ कभी सुख, समृद्धि और सौहार्द ना हो ऐसा हो हे नहीं सकता। चूंकि भगवान कृष्ण प्रेम के प्रतीक हैं, इस वजह से घर के सदस्यों में भी परस्पर प्रेम बना रहता है।
शास्त्रों और वास्तु की माने तो हर्ष-उल्लास को जीने वाले प्रभु श्रीकृष्ण को बांसुरी से सदैव ही अत्यधिक लगाव रहा है। इसी वजह से बांसुरी को पवित्र, शुभ, शांति और समांजस्य का प्रतीक समझा जाता है। बांसुरी से निकला स्वर प्रेम वर्षा करता है, इसलिए जिस घर में बांसुरी होती है उसके स्वर गूंजते रहते हैं और उस घर में प्रेम और उत्साह की कोई कमी नहीं रहती है।
तो यदि आपके घर ऐसी समस्याएँ मंडरा रही है और घर में बांसुरी नहीं है तो अपनी अगली खरीददारी में बांसुरी को ज़रूर शामिल कर लें। और कोशिश करें की बांसुरी लकड़ी की हो, जिससे अधिक और उचित लाभ प्राप्त हो सकेगा। उम्मीद करते हैं वास्तु का यह उपाय आपके घर में सदैव खुशहाली की ध्वनि फैलाता रहेगा।