ग्वालियर में 7 दिन के टोटल लॉकडाउन के चलते रात से सीमाएं सील कर दी गई है। बुधवार सुबह मुरैना से ग्वालियर आने वालों को ग्वालियर-मुरैना जिले की सीमा निरावली पाइंट पर रोका गया। कुछ लोगों ने बहस की पर पुलिस ने उनकों कड़े शब्दों में समझाया और वापस भेज दिया। बता दे ग्वालियर में पिछले कुछ दिन में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर 7 दिन के टोटल लॉकडाउन की घोषणा की गई है।
पुलिस के डंडे से बचना है तो लॉकडाउन में सड़कों पर नहीं निकले, एफआइआर भी होगी
कोरोना मीटर प्रतिदिन 200 के आसपास पहुंचने पर प्रशासन व पुलिस बुधवार से सड़कों पर सख्त नजर आएगी। लॉकडाउन में छूट के अलावा सड़कों पर नजर आए तो पुलिस डंडा भी दिखाएगी और एफआइआर भी करेगी। थानों को पेट्रोलिंग व चेकिंग करने के लिए अतिरिक्त बल के साथ वाहन भी उपलब्ध कराए हैं। एफआरवी भी व्यवस्था में मुस्तैद होगी। पुलिस कलेक्टर के आदेश का पालन कराने के लिए बुधवार से सड़कों पर मोर्चा संभाल लेगी।
शहर के थानों को 500 अतिरिक्त जवान उपलब्ध कराए
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिले में पूर्ण लॉकडाउन के लिए पिछले 2 दिन से होमवर्क किया जा रहा है। शहर के सभी थानों को 500 के लगभग अतिरिक्त बल उपलब्ध करा दिया है। इसके अलावा पेट्रोलिंग के लिए एक-एक वाहन भी ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाकर दिए गए हैं। एफआरवी वाहन भी मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे। बगैर मास्क के किसी सूरत में घरों से बाहर नहीं निकलें।
लॉकडाउन से पहले एनाउंस किया, चेकिंग प्वॉइंट लगाए
पुलिस ने मंगलवार की शाम से शहर में सख्ती करना शुरू कर दी है। शाम को थानाप्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मुनादी कराकर क्षेत्र के लोगों को बता दिया है कि संक्रमण से बचाने के लिए बुधवार से पूर्ण लॉकडाउन रहेगा। इसलिए लॉकडाउन में घरों से नहीं निकलें। केवल मेडिकल कारण से शहर से बाहर निकल सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर का पर्चा होना जरूरी है। कलेक्टर के आदेशों का पालन करें।
शहर की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा
पुलिस बुधवार से शहर की सीमाओं की सील कर देगी। किसी बाहरी व्यक्ति को शहर में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। आसपास के जिलों से इलाज से आने वाले भी आनेवाली एंबुलेंस शहर में प्रवेश कर सकेंगी, लेकिन एंबुलेंस चालक को चेक प्वॉइंट पर नोट कराना होगा कि वह किस अस्पताल में मरीज को लेकर जा रहा है। अस्पताल किस थाना क्षेत्र में हैं। एंबुलेंस के शहर में प्रवेश करने के बाद संबंधित थाने को इसकी सूचना दी जाएगी। थाने का जवान हॉस्पिटल जाकर इस बात की तस्दीक करेगा कि एंबुलेंस मरीज को लेकर आई कि नहीं? इधर-उधर तो नहीं भटक गई।