गुजरात में एंजियोप्लास्टी में गड़बड़ी से मरीजों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई

अहमदाबाद के एक अस्पताल में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में गड़बड़ी के बाद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के दो लाभार्थियों की मौत के मामले में अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही इन गिरफ्तारियों के साथ ही इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर छह हो गई है।

अहमदाबाद के एक अस्पताल में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में गड़बड़ी के बाद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के दो लाभार्थियों की मौत के मामले में अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इन गिरफ्तारियों के साथ ही इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। इनमें अहमदाबाद के ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में इन दो लाभार्थियों की एंजियोप्लास्टी करने वाले विजिटिंग हृदय चिकित्सक डा प्रशांत वजीरानी भी शामिल हैं।

डा. वजीरानी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन अन्य आरोपित अब भी फरार हैं। इनमें अस्पताल के अध्यक्ष कार्तिक पटेल, निदेशक राजश्री कोठारी और डा. संजय पटोलिया शामिल हैं। कार्तिक पटेल अभी विदेश में है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि जांच से पता चला है कि अस्पताल ने पीएमजेएवाई कार्ड धारकों को एंजियोप्लास्टी कराने के लिए राजी करने के लिए गांवों में मुफ्त जांच शिविर लगाए गए, जबकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी।

गुजरात वापस पहुंचा भारतीय मछुआरे का शव
पाकिस्तानी जेल में भारतीय मछुआरा मारा गया था। अब गुजरात के जूनागढ़ जिले में मछुआरे का शव पैतृक गांव नानावड़ा में उसके परिवार को सौंप दिया गया। पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। 31 साल के मछुआरे का शव, जिसकी पिछले महीने पाकिस्तानी जेल में मौत हो गई थी, गुजरात के जूनागढ़ जिले में उसके पैतृक गांव नानावड़ा में उसके परिवार को सौंप दिया गया।

मृतक की पहचान पोरबंदर के निवासी हरिभाई सोसा के रूप में हुई है। उन्हें 2021 की शुरुआत में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तरफ से पकड़े जाने के बाद तीन साल से अधिक समय तक कराची में कैद रखा गया था। उन्हें अरब सागर में मछली पकड़ने के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास गिरफ्तार किया गया था।

सरकारी मंजूरी में तेजी लाने के लिए मरीजों को गलत तरीके से आपातकालीन श्रेणी में पंजीकृत किया गया था। बदले में अस्पताल ने सरकार से भुगतान का दावा किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल ने पिछले साल इस योजना के तहत 11 करोड़ रुपये कमाए थे, जिसमें से 70 प्रतिशत आय ऐसे दावों से आई थी। मंगलवार को जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जैन, विपणन निदेशक चिराग राजपूत, विपणन कार्यकारी मि¨लद पटेल और उसके दो सहायक पांकिल पटेल एवं प्रतीक भट्ट शामिल हैं।

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