देश के अधिकतर राज्य मानसून के चपेट में हैं। बिहार बाढ़ से जूझ रहा है तो दिल्ली में रुक रुक कर बारिश हो रही है। गुजरात के कई शहरों में बुधवार से मौसम ने करवट ली है। गुजरात के कई शहरों में बुधवार को तेज बारिश हुई।
सीएम विजय रुपाणी ने भारी बारिश के चलते उच्च स्तरीय बैठक की है। सीएम ने स्थानीय प्रशासन को मदद करने के लिए दो आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। बैठक के दौरान सीएम रुपाणी ने लोगों को निचले इलाके से हटने की बात भी कही है।
वहीं, भारी बारिश और जलभराव के कारण वडोदरा में गुरुवार को जिला अदालत बंद रहेगी। इसके साथ ही प्रधान जिला जज ने वडोदरा जिले के मुख्यालय में कार्यरत सभी अदालतों को आदेश दिया कि तालुका अदालतें भी बंद रखी जाएंगी।
अहमदाबाद में दोपहर से हो रही बारिश के बाद सड़कों में जलभराव हो गया है। इसके साथ ही वडोदरा में भी भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या देखी गई है।
दिल्ली में फिर बारिश के आसार
उमस भरी गर्मी के बीच गुरुवार से दिल्ली का मौसम एक बार फिर करवट ले लेगा। बादलों एवं बारिश का दौर भी दोबारा शुरू होगा और सुहावने मौसम का भी। यह दौर अगले तीन दिनों तक बने रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि जुलाई में दिल्ली में मानसून की बारिश का जो दौर शुरू हुआ था, वह लगभग एक सप्ताह तक ही चला।
जुलाई के अंतिम सप्ताह में छिटपुट बारिश ही हुई। इसके चलते तापमान में इजाफा हुआ और लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना भी करना पड़ रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अब यह दौर खत्म होने को है। गुरुवार को 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की उम्मीद है। इसके साथ ही कहीं हल्की तो कहीं मध्यम स्तर की बारिश भी हो सकती है।
इस बीच बुधवार को भी दिल्ली में उमस भरी गर्मी बनी रही। मौसम विभाग मुताबिक बुधवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो सामान्य है। न्यूनतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। मौसम में नमी का स्तर 63 से 82 फीसद तक रहा।
बारिश से थमा हिमाचल प्रदेश, 309 सड़कों पर यातायात ठप
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार रात व बुधवार को हुई बारिश के कारण हुए भूस्खलन से प्रदेश में 309 सड़कों पर यातायात ठप हो गया। बारिश से कांगड़ा में 13, मंडी व शिमला में चार-चार, ऊना में दो और सिरमौर जिला में एक मकान को नुकसान पहुंचा है। कई जगह लोगों के घरों में पानी व मलबा भर गया। शिमला जिले के मैहली में सड़क धंसने से यातायात को शोघी-मैहली बाईपास से शिफ्ट करना पड़ा।
22 राज्यों में सामान्य 12 में कम बारिश
जून से शुरू होकर सितंबर तक चलने वाले चार महीने के मानसूनी सीजन का आधा हिस्सा बीत गया। इन दो महीनों में देश की दो तस्वीर दिखी है। महाराष्ट्र और बिहार में बाढ़ की स्थिति बनी है जो लोगों के लिए विनाशकारी साबित हो रही है। वहीं देश के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां बारिश की बूंदें लोगों को तरबतर नहीं कर सकी हैं। बारिश में समग्र कमी घटकर जरूर नौ फीसद रह गई है, लेकिन 12 राज्यों में अभी सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई है।
खेती-किसानी पर असर
मानसूनी बारिश का देश की अर्थव्यवस्था और कृषि के विकास में अहम योगदान है। देश की 55 फीसद उपजाऊ जमीन सिंचाई के लिए बारिश की बूंदों पर आश्रित है। देश की 2.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की 15 फीसद हिस्सेदारी है। जबकि रोजगार देने का आज भी यह सबसे बड़ा क्षेत्र है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 19 जुलाई तक देश में 5.67 करोड़ हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले यह 6.9 फीसद कम है। देश के प्रमुख जलाशयों का स्तर उनकी भंडारण क्षमता के 24 फीसद रहा जबकि पिछले साल इसी दौरान यह औसत 32 फीसद था। पिछले दस साल का औसत 28 फीसद है।