अक्सर आप दफ्तर में जी लगाकर मेहनत करते होंगे लेकिन बाॅस आपसे ज़्यादा स्वीटी से खुश होंगे। जब इंक्रीमेंट की बात चलती हो तो आपको ऐसा अहसास होता होगा कि बाॅस के इर्द- गिर्द घूमने वाले अधिक तनख्वाह पाते होंगे। यह सोचकर अक्सर आपके दोस्त कहते होंगे चलिए छोडि़ए जनाब आज वह दौर है जब गधे गुलाब जामुन खा रहे हैं। गुलाब जामुन, वाह! नाम सुनते ही आपके मुंह से लार सी टपकने लगती है। ऐसा लगता है कि गुलाब जामुन की कढ़ाई से ज़्यादा चाशनी आपके मुंह में समाने लगी है। अब तो महंगाई के इस दौर में गुलाबजामुन जैसी स्वीटी डिश भी हवा होने लगी है।अब लोग डरने लगे हैं गुलाबजामुन के होडि़यों से। तभी तो लोग शादी में सभी को निमंत्रण देते समय यह ध्यान रखते हैं और होडि़यों को ऐन मौके पर ही निमंत्रण देते हैं जिससे वे उनका खर्चा कुछ कम कर सकें।
अब लोग गुलाबजामुनों का आकार कुछ कम रखने लगे हैं, जिससे गपागप गुलाब जामुन खाने के बाद भी माल कुछ बच जाता है और फिर बारात विदा होने के दो तीन दिन तक मेहमान मजे लेकर वह बासी खाना खाते रहते हैं। एक बार किसी ने गुलाबजामुन मुंह में डाल दिया तो फिर हाजमे की चिंता किसे रहती है।हां, महंगाई के इस दौर में आज भी आपको 20 रूपए के गुलाबजामुन का स्वाद चखने को मिले तो आप क्या कहेंगे। हां, 20 रूपए के गुलाबजामुन हालांकि अब इनका दाम 40 रूपए से 80 रूपए हो गया है लेकिन महंगाई के इस दौर में आज भी ये बेहद किफायती हैं।
आज भी लोग इनका सेवन करने के लिए दौड़ लगाते हैं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में आज भी पुराने शहर की होटल पर कढ़ाई में डली चाशनी में ये डूबकर ग्राहकों का इंतजार करते हैं। इन गुलाबजामुनों के खरीदने पर लोग ऐसे इतराते हैं जैसे उन्होंने कोई बड़ा तीर मार लिया हो। आखिर महंगाई के इस दौर में सस्ते में गुलाबजामुन खरीद लेना किसी बहुत बड़ी चालाकी से कम थोड़े ही है और फिर इनके खरीदने पर घर वाली की डांट नहीं सुननी पड़ती।
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