प्रदेश में त्योहारों और सर्दियों के चलते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए आज से फोकस सैम्पलिंग का विशेष अभियान चलेगा। इसमें दुकानों, रेस्टोरेंट, ब्यूटी पार्लर, धर्म स्थलों के लोगों के नमूने लिए जाएंगे। हर जिले में रोजाना 30 प्रतिशत आरटीपीसीआर और 50 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट किए जाएंगे। 15 दिन के विशेष अभियान के लिए सभी जिलाधिकारियों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पड़ोस के राज्यों व कई देशों में कोरोना संक्रमण दोबारा फैल रहा है। यूपी में केस ज्यादा न बढ़ें, इसलिए ऐसे लोग जो लोगों से ज्यादा मिलते-जुलते हैं, उनकी जांच करने का फैसला किया गया है। इससे कोरोना संक्रमितों को बाजार से हटाया जा सकेगा, जिससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने से रोका जा सके। जून में भी इसी तरह का अभियान चलाया गया था।
29 अक्तूबर को टैम्पो, थ्री व्हीलर्स, रिक्शा चालक, 30 को मेहंदी व ब्यूटी पार्लर, 31 अक्तूबर को मिठाई की दुकानों, 1 नंवबर को रेस्टोरेंट, 2 को धर्म स्थलों, 3 को मॉल कर्मियों और सिक्योरिटी स्टाफ, 4 को गाड़ियों व इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों, 5 को पटरी दुकानदारों, 6 को पटाखा बाजार, सब्जी व फल बेचने वालों, 7 को धर्म स्थलों, 8 को मिठाई की दुकानों, 9 को पटरी दुकानदारों, दीया, गिफ्ट बेचने वालों, 10 को पटाखा बाजार, फल व सब्जी विक्रेताओं, 11 को मॉल कर्मियों व सिक्योरिटी स्टाफ व 12 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार तथा गाड़ियों के शोरूम कर्मियों के नमूने लिए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग नवंबर-दिसंबर में कोविड संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड हेल्प डेस्क पर पहचान किए गए लक्षणयुक्त लोगों की जांच कराएगा। एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर लोगों की आरटीपीसीआर जांच भी प्रमुखता से कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक पॉजिटिव केस के संपर्क में आने वाले 25 लोगों का पता लगाकर उनकी जांच की जाएगी।
सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवियर एक्यूट रेस्पेरेटरी इलनेस (एसएआरई) के मामलों और गंभीर मरीजों की कोविड जांच होगी। बालगृहों, नारी निकेतनों, बंदीगृहों, वृद्धाश्रमों में भी नियमित जांच कराई जाएगी। कोविड टीकाकरण के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार करने तथा सभी जिलों में 15 दिसंबर तक कोल्ड चेन बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
होम आइसोलेशन के रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों को आइवरमेक्टिन दवा दी जाएगी। पहले, चौथे और सातवें दिन रोगियों के घरों की विजिट भी की जाएगी। मौतें रोकने के लिए डेथ ऑडिट गंभीरता से करने के निर्देश दिए गए हैं।