राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने शुक्रवार कहा कि कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में आ रहे अधिकांश मरीज बिना लक्षणों वाले हैं।
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘अभी कोरोना वायरस भी पहले से खतरनाक हो गया है। ऐसे में हम सभी को गंभीरता दिखानी होगी। मैं सभी से पुन: अपील करता हूं कि मास्क लगाने, हाथ धोने व एकदूसरे से दूरी बनाए रखने के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। थोड़ी सी लापरवाही भी किसी की जान जाने का कारण बन सकती है।’
गहलोत के अनुसार कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में आ रहे अधिकांश मरीज बिना लक्षणों वाले हैं। उन्होंने कहा कि पहले मरीज में लक्षण दिखते थे जिससे उनकी पहचान करके उन्हें पृथकवास में भेजना आसान था। उन्होंने कहा कि बिना लक्षणों वाले मरीजों की पहचान बिना जांच के मुश्किल है और ऐसे मरीज को स्वयं के संक्रमित होने का भी अंदाजा नहीं होता।
उन्होंने कहा है कि बिना लक्षणों वाले मरीज जानकारी के अभाव में बिना प्रोटोकॉल का पालन किए घूमते रहते हैं जिससे दूसरे लोगों में तेजी से संक्रमण फैलता है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सभी लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करना चाहिए लेकिन आमजन कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही कर रहे हैं।
गहलोत ने यहां कहा, ‘राज्य में 16 फरवरी को एक दिन में कोरोना वायरस के सिर्फ 60 नए मामले आए थे लेकिन इस एक अप्रैल को 1350 मामले आए हैं। 23 फरवरी को कुल उपचाराधीन मरीज 1195 रह गए थे लेकिन एक अप्रैल को ये संख्या बढ़कर 9563 हो गई है। इसी तरह 24 फरवरी को मामलों के दोगुना होने का समय 2521 दिन था जो अब 270 दिन हो गया है।’