कोरोना वायरस को लेकर भोपाल पुलिस ने भी अपनी तैयारियां कर ली हैं। पुलिस ने लोगों को सावधान करने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई अंजान व्यक्ति घर में आकर दवा का छिड़काव या अन्य तरीके से घर में धुसने की कोशिश करे तो उसको घुसने न दें। महानगरों में कुछ इस तरह के मामले सामने आए हैं। जहां पर लोग अपने आप को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बताकर घर को सेनिटाइज करने के बहाने वारदात कर रहे हैं। इधर, विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों को डीआईजी इरशाद वली ने कोरोना वायरस को लेकर जागरूक किया है। डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि लोगों से अपील है कि वे सेनिटाइजेशन करने के नाम पर अंजान लोगों को घर के अंदर प्रवेश न दें।
चार दिन में 1600 लोगों की हुई जांच
शहर में नगर निगम द्वारा पूरे शहर को सेनेटाइज करने का काम किया जा रहा है। बुधवार को भी निगम अमले ने शहर के कई क्षेत्रों में छिड़काव किया। उधर, बीसीएलएल द्वारा आईएसबीटी परिसर द्वारा थर्मल स्कैनर किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बीते चार दिनों में 1600 लोगों का थर्मल स्कैनर किया गया है।
50 प्रतिशत तक कम हुआ चिकन का व्यवसाय
शहर के थोक व फुटकर चिकन व्यवसायियों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। कोरोना वायरस के कारण चिकन के व्यवसाय में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है। स्थिति यह है कि बुधवारा चिकन मार्केट में 120 से 180 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला चिकन बोली लगाकर 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। इसके बावजूद चिकन मार्केट में गिने-चुने खरीदार ही दिखे। वहीं कसाईपुरा में 50 रुपये प्रतिकिलो तक चिकन बेचा गया, लेकिन लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। कोरोना वायरस के डर से लोगों ने चिकन खाना बंद कर दिया है। ऐसे में दुकानदारों को कटा हुआ चिकन आवारा कुत्तों को खिलाना कर पड़ रहा है। चिकन के थोक व फुटकर विक्रेताओं के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण एक से 16 मार्च तक 70 करोड़ का नुकसान हो चुका है। चिकन के दाम 50 से 75 प्रतिशत घटाने के बाद भी लोग चिकन नहीं खरीद रहे हैं। शिवाजी नगर स्थित एक चिकन शॉप के विक्रेता मोहम्मद अकबर ने बताया कि कोरोना वायरस का चिकन खाने से कोई संबंध नहीं है, लेकिन लोगों में डर है, इसलिए 50 प्रतिशत तक चिकन कम बिक रहा है। वहीं, बुधवारा रोड स्थित एक चिकन विक्रेता सैय्यद अख्तर ने बताया कि चिकन नहीं बिकने से व्यवसाय चौपट हो गया है। परिवार का भरण-पोषण करने तक के पैसे नहीं कमा पा रहे हैं। इधर, कोरोना वायरस के कारण 30 प्रतिशत तक अंडे का व्यवसाय भी कम हुआ है। लोग कोरोना वायरस के कारण अंडे भी खरीदना पसंद नहीं कर रहे। फरवरी तक एक अंडा 7 रुपये का आता था, जो अब 4 से 5 रुपये का फुटकर में मिल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण लोग अंडे खाने से परहेज करने लगे हैं।
एक नजर में स्थिति
– 3 हजार के करीब शहर में चिकन की छोटी-बड़ी दुकानें।
– 50 प्रतिशत तक चिकन का व्यवसाय कम हुआ।
– 20 टन रोजाना चिकन की खपत होती थी।
– 10 प्रतिशत तक ही चिकन की खपत हो रही है।
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