देश के कारोबार और उद्योग जगत पर कोरोना का गंभीर असर पड़ना शुरू हो गया है. उद्योग चैम्बर फिक्की के एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि 73 फीसदी उद्योगपतियों के ऑर्डर बुक में कमी आई है.
इस सर्वेक्षण में शामिल करीब 73 फीसदी उद्योगपतियों ने यह स्वीकार किया कि कोरोना की वजह से उनके कारोबार में कमी आई है. 50 फीसदी उद्योगपतियों का कहना है कि उनके ऑर्डर बुक में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ गई है जबकि, सिर्फ 8 फीसदी ने कहा है कि उनकी ऑर्डर बुक बढ़ी है.
सर्वे में बताया गया है कि कारखानों में इन्वेंट्री का स्तर बढ़ रहा है. इसमें शामिल 35 फीसदी उद्योगपतियों का कहना है कि जिस हिसाब से उत्पादन हो रहा है, उस हिसाब से माल बाहर नहीं जा रहा है, इसलिए इन्वेंट्री यानी कारखानों में जमा माल का लेवल बढ़ रहा है. सर्वे में शामिल 50 फीसदी कारोबारियों का कहना है कि उनका इन्वेंट्री स्तर 15 फीसदी या इससे भी ज्यादा बढ़ा है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से भारत सहित दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. इसकी वजह से भारतीय उद्योग जगत का कैश फ्लो घट गया है.
फिक्की के सर्वे में शामिल 81 फीसदी उद्योगपतियों ने कहा कि अब उस हिसाब से कैश इनफ्लो नहीं हो रहा है, जैसे पहले होता था. 40 फीसदी कारोबारियों ने बताया कि उनका कैशफ्लो 20 फीसदी या उससे ज्यादा घटा है.
कोरोना की वजह से उद्योग जगत का सप्लाई चेन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. सर्वे में शामिल 60 फीसदी से भी ज्यादा उद्योगपतियों ने कहा कि उनके सप्लाई चेन पर असर पड़ा है.
सर्वे में शामिल करीब 45 फीसदी कारोबारियों का मानना है कि कारोबार जगत को इस नुकसान से पूरी तरह से उबरने में कम से कम छह महीने लग जाएंगे.