कोरोना के खिलाफ कवच बनी Ivermectin, काबू में आने लगा संक्रमण,

कोरोना के खिलाफ आइवरमेक्टिन दवा कवच का काम कर रही है। राजधानी में जब से इस दवा का वितरण शुरू हुआ है तब से 35 हजार से ज्यादा मरीज सिर्फ होम आइसोलेशन में स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि हजारों मरीज विभिन्न अस्पतालों में भी ठीक हुए हैं। वहीं लाखों लोगों को दवा की डोज देकर कोरोना संक्रमण के खिलाफ सुरक्षित किया जा चुका है। यही वजह है कि अब संक्रमण धीरे-धीरे काबू में आने लगा है। इसके इस्तेमाल से मरीज लगातार कोरोना को तेजी से मात दे रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों को आइवरमेक्टिन छह एमजी की छह गोलियां दी जाती हैं। अलग-अलग दिन दो-दो गोलियों का डोज तीन बार लेना पड़ता है। अगर 12 एमजी की गोली है तो तीन गोलियां काफ़ी हैं। वहीं बच्चों के लिए छह एमजी की तीन गोलियां दी जाती हैं।

खाना खाने के बाद ही सिर्फ रात में लें डोज:ध्यान रहे कि सभी डोज खाना खाने के बाद ही सिर्फ रात को सोते समय लें। अन्य समय में ली गई डोज असरदार नहीं होती। संक्रमित मरीज को पहले, दूसरे व तीसरे दिन लगातार दो-दो गोलियों का डोज रात में भोजन के बाद लेना पड़ता है। जबकि उसके संपर्क में आए अन्य लोगों को भी प्रिवेंशन के तौर पर यही डोज दी जाती है। जिन्हें पहले दिन व सातवें दिन रात को सोते समय आइवरमेक्टिन खानी होती है। मरीज चाहे तो 28वें दिन भी एक डोज ले सकता है।

अब तक बांटी गई 27 लाख से अधिक टेबलेट: सीएमओ के प्रवक्ता विजय रघुवंशी ने बताया किस्वास्थ्य विभाग फिलहाल छह एमजी की गोलियां वितरित करवा रहा है। बच्चों को छह एमजी की तीन गोलियां और वयस्कों को छह गोलियां दी जा रही हैं। अब तक राजधानी भर में 27 लाख से अधिक टेबलेट वितरित की जा चुकी है। दवा के साथ घर पर मरीजों को अपनों का साथ मिलने से वह कोरोना को ज्यादा मजबूती से मात दे रहे हैं।असर दिखा रही है दवा: एसीएमओ डॉ एमके सिंह ने कहाकि आइवरमेक्टिन दवा मरीजों पर जोरदार असर दिखा रही है। यही वजह है कि रिकवरी दर में बहुत सुधार आया है। मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। साथ ही संक्रमण की दर भी काबू में आने लगी है। आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण की दर और भी कम होगी।

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