कैसे होगा मरीजों का इलाज: फतेहाबाद में दो साल से 12 सरकारी डॉक्टर बिना बताए गैरहाजिर

हरियाणा में नागरिक अस्पतालों के हाल बुरे होते जा रहे हैं। बात कि जाए फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल कि तो पांच डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं। एक डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, सीएचसी भट्टूकलां, इंदाछुई और पिरथला में एक-एक डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं। 

फतेहाबाद के सरकारी अस्पतालों में मेडिकल ऑफिसर से लेकर स्पेशलिस्ट तक के पद खाली पड़े हैं। दो सालों में 12 डॉक्टर बिना बताए ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे हैं। यही नहीं दो सालों में ही सात डॉक्टर नौकरी छोड़ने के लिए त्यागपत्र दे चुके हैं, लेकिन ये मंजूर नहीं हुए हैं। इनका नाम अभी रिकॉर्ड में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में सरकारी डॉक्टरों के जिले में 173 पद स्वीकृत हैं और 105 कार्यरत हैं। डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने और नौकरी छोड़ने के पीछे मुख्य वजह काम का बोझ अधिक माना जा रहा है। इसके अलावा लीगल काम में डॉक्टरों को उलझाया जा रहा है। प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले डॉक्टरों का पैकेज भी कम है।

टोहाना में सबसे ज्यादा डॉक्टरों ने दिया त्याग पत्र
स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में पांच डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं। एक डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है। तीन डॉक्टर वर्ष 2022 और दो वर्ष 2023 से अनुपस्थित चल रहे हैं। टोहाना में पांच डॉक्टर नौकरी से त्याग पत्र दे चुके हैं। इसके अलावा 4 अनुपस्थित चल रहे हैं। सीएचसी भट्टूकलां, इंदाछुई और पिरथला में एक-एक डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं। भूना में एक डॉक्टर त्यागपत्र दे चुके हैं। पीएचसी एमपी रोही में एक डॉक्टर बिना एनओसी पीजी कोर्स करने के लिए गए हैं।

कागजों में ये पद है अस्पतालों में खाली
अस्पताल             मंजूर पद कार्यरत खाली पद

नागरिक अस्पताल फतेहाबाद 42             29             13
नशा मुक्ति केंद्र             1             1             0

पॉलीक्लीनिक             2             0             2
नागरिक अस्पताल टोहाना 42             22             20

उप नागरिक अस्पताल रतिया 11             6             5
पीएचसी नागपुर             2             2             0

पीएचसी महमड़ा             2             1             0
पीएचसी अहरवां             2             2             0

पीएचसी हसंगा             2             0             2
पीएचसी भिरड़ाना            2             1             1

सीएचसी भूथनकलां 7            5             2
सीएचसी भट्टूकलां 7             3             4

पीएचसी पीलीमंदोरी 2             1             1
पीएचसी बनगांव             2 1             1

पीएचसी खैरातीखेड़ा 2 1             1
पीएचसी खाबड़ा कलां 2 1             1

सीएचसी बड़ोपल             7            7             0
पीएचसी हिजरावां कलां 2             0 2

पीएचसी एमपी रोही             2 2            0
पीएचसी बीघड़             2             1             0

सीएचसी जाखल             7             4             3
पीएचसी मामुपूर             2             2             0

पीएचसी समैन             2             0 2
पीएचसी कुलां             2             1 1

पीएचसी म्योंदकलां 2             2             0
सीएचसी भूना             7             5             2

पीएचसी इंदाछुई             2             1 1
पीएचसी पिरथला             2             2            0

पीएचसी झलनियां            2             1             1
पीएचसी नहला             2            1             1

जिला अस्पताल में फिजिशियन न आर्थो सर्जन
नागरिक अस्पताल फतेहाबाद में फिजिशियन, आर्थो सर्जन और यहां तक जनरल सर्जन भी नहीं हैं। इसके चलते मरीजों को या तो निजी अस्पताल या फिर अग्रोहा मेडिकल जाना पड़ रहा है। करीब तीन सालों से आर्थो सर्जन और जनरल सर्जन के पद खाली हैं।

एनएचएम के तहत विशेषज्ञों को मिल रहा अच्छा पैकेज
स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञों के पदों को भरने के लिए एनएचएम के तहत भर्ती करता है। एनएचएम के तहत विभाग विशेषज्ञ को डेढ़ लाख रुपये माह तक का सैलरी का पैकेज ऑफर कर रहा है, जबकि स्थायी डॉक्टर की शुरुआत सैलरी 70 से 80 हजार रुपये प्रति माह शुरू है।

ये सही है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर आना नहीं चाह रहे हैं। कारण ये है कि डॉक्टरों की यहां रुचि कम है। फील्ड में काम करना पड़ता है। इसके अलावा लीगल जिम्मेदारी रहती है और काम का बोझ भी अधिक रहता है, जबकि प्राइवेट सेक्टर में सैलरी पैकेज भी अच्छा है। कागजी काम का बोझ भी कम रहता है। सरकार को चाहिए डॉक्टरों का सैलरी पैकेज बढ़ाया जाए और वर्क लोड कम किया जाए। -डॉ.भरत सहारण, जिला प्रधान, हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन।

स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय को समय-समय पर रिपोर्ट भेजी जाती है। कार्रवाई मुख्यालय स्तर पर ही होनी होती है, जो डॉक्टर अनुपस्थित चल रहे हैं उसका पद खाली नहीं माना जा सकता है। – डॉ.महेंद्र भादू, सिविल सर्जन।

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