अपने मुखिया की गिरफ्तारी के बाद आप आज देशभर में प्रदर्शन करने वाली है। ईडी केजरीवाल को आज कोर्ट में पेश करेगी। इस बीच नेतृत्व और सरकार चलाने के सवाल पर आप का कहना है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की सियासत में उबाल आ गया है। अपने मुखिया की गिरफ्तारी के बाद आप आज देशभर में प्रदर्शन करने वाली है। ईडी केजरीवाल को आज कोर्ट में पेश करेगी। इस बीच नेतृत्व और सरकार चलाने के सवाल पर आप का कहना है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।
दिल्ली की सियासत में बड़ा उफान बृहस्पतिवार को देखने को मिला। शाम ढलते ही मुख्यमंत्री निवास पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंच गई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शराब नीति मामले में पूछताछ शुरू कर दी। रात होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद दिल्ली सरकार के सामने नेतृत्व संकट का सवाल खड़ा हो गया। चर्चा आम हो गई कि मुख्यमंत्री जेल गए तो दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। हालांकि, आप ने एक हस्ताक्षर कैंपेन चलाया था, जिसमें 90 प्रतिशत लोगों ने यह कहा था कि जेल से ही मुख्यमंत्री दिल्ली का शासन संभालेंगे।
इधर, आम आदमी पार्टी के बड़े नेता अपने मुखिया की गिरफ्तारी के बाद मुखर रहे और यहां तक कहा कि जेल से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली का शासन चलाएंगे। हालांकि, आप के कई विधायक ऊहापोह की स्थिति में रहे कि उन्हें मुख्यमंत्री निवास तक जाना है या नहीं। उन्हें अपने घरों में नजरबंद होने का भी संशय रहा। आम आदमी पार्टी में यह भी चर्चा आम रही कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। सूत्रों की माने तो मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, संजय सिंह के जेल में होने से मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ही कद्दावर नेता बनकर उभरे हैं। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी सत्ता संभाल सकती हैं।
हालांकि, इस स्थिति में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं में नाराजगी न हो और पार्टी एकजुट रहे इसे लेकर भी सहमति बनानी होगी। इस बीच कांग्रेस नेताओं को यह भी डर सता रहा है कि अगर भ्रष्टाचार के मामले ज्यादा तेजी से उठते है तो इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। कार्यकर्ता भी चुनाव में गर्मजोशी के साथ चुनावी समर में नहीं उतरेंगे। गठबंधन से वैसे ही कांग्रेस का एक खेमा काफी नाराज है। दूसरी तरह कांग्रेस की नीति यह भी हो सकती है कि अपने छिटके हुए कैडर को इसी बहाने वापस कांग्रेस के पक्ष में लाया जाए।
आतिशी बोलीं-जेल से ही सरकार चलाएंगे केजरीवाल
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, वे जेल से ही सरकार चलाएंगे। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे। ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें जेल से सरकार चलाने से रोक सके।
- दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा, विधायकों व सांसदों ने फैसला किया है कि केजरीवाल ही मुख्यमंत्री रहेंगे।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, डरा हुआ तानाशाह, मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। इंडिया इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़कर आए केजरीवाल भ्रष्टाचार में पकड़े गए
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के आरोप में ही गिरफ्तार हुए। यूपीए सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन से वे चर्चा में आए। लोगों ने उन्हें 2013, 2015 व 2020 में दिल्ली की सत्ता सौंपी। अब सत्येंद्र जैन, सिसोदिया, संजय सिंह जैसे सहयोगी भ्रष्टाचार में ही जेल गए और किसी को भी शीर्ष कोर्ट तक से जमानत नहीं मिली।
सीएम रहते गिरफ्तार होने वाले पहले नेता
केजरीवाल पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, इससे पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने पद पर रहते हुए हिरासत में लिया था और बाद में राजभवन ले जाकर उन्हें राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने का मौका दिया था।
- केजरीवाल ने दावा किया है कि वह गिरफ्तार होने के बाद भी सीएम पद नहीं छोड़ेंगे।
पार्टी के सामने योग्य नेता की चुनौती
आप के सामने अब चुनौती एक योग्य नेता को सामने लाने की है, जो उनकी अनुपस्थिति में दिल्ली में पार्टी और सरकार दोनों को संभाल सके। मंत्री आतिशी के पास दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, पीडब्ल्यूडी, राजस्व और सेवाओं सहित सबसे अधिक विभाग हैं। उन्हें केजरीवाल की करीबी भी माना जाता है। आतिशी लगातार भाजपा पर हमला करती हैं। वहीं, भारद्वाज दिल्ली मंत्रिमंडल के एक प्रमुख सदस्य हैं, जिनके पास स्वास्थ्य और शहरी विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वे भी पार्टी का एक जाना-माना चेहरा हैं, जो अक्सर पार्टी और नेताओं का बचाव करने व केंद्र सरकार को राजनीतिक मुद्दों पर जवाबी हमला करने में लगे रहते हैं।
90% लोगों ने आप के हस्ताक्षर कैंपेन में केजरीवाल पर भरोसा जताया था
आप नेता कुमार गौतम का कहना है कि पिछले साल दिसंबर में आप ने मैं भी केजरीवाल हस्ताक्षर अभियान चलाया था जिसमें लोगों से पूछा गया था कि क्या उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए या गिरफ्तार होने पर जेल से सरकार चलानी चाहिए। अभियान के दौरान 90 प्रतिशत लोगों की राय थी कि केजरीवाल के पास ही दिल्ली का जनादेश है। चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। वे जेल में रहे या कहीं भी मुख्यमंत्री वहीं रहेंगे। दिल्ली सरकार ने इस बाबत सर्वे भी कराया था। इसमें भी यही बात निकलकर आई थी कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।
भ्रष्टाचार की खिलाफत करने वाले खुद भ्रष्टाचारी हुए : मनोज तिवारी
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ वही हुआ जो अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में होता है। अपराधी चाहे कितनी भी चालाकी कर ले वह कानून के शिकंजे में आता ही है। यह बात दिल्ली की हर गली से निकल रही है कि जिस तरह से दिल्ली वालों को धोखा दिया है, भ्रम का जाल फैलाकर सत्ता हासिल की और दिल्ली को लूटा। उस केजरीवाल को दिल्ली की हाय भी लगी है। दिल्ली की हर गली में पटाखे बज रहे हैं। लोग स्वागत कर रहे हैं। भ्रष्टाचार की खिलाफत करने वाले खुद भ्रष्टाचारी हो गए। कानून के हाथ लंबे होते हैं, पद चाहे कितना भी बड़ा हो जनता का पैसा लूटने वालों का यही हाल होता है।
आप से हमारा गठबंधन जारी रहेगा : लवली
केजरीवाल की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित मुख्यमंत्री के निवास पर पहुंचे। इस दौरान लवली ने स्पष्ट किया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से उनके गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अब वह और मजबूती के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। लवली ने कहा कि हम गिरफ्तारी व छापे जैसी घटनाओं से घबराने वाले नहीं हैं। आम आदमी पार्टी हमारी सहयोगी है। हम हर कदम पर साथ खड़े हुए हैं और चुनाव मिलकर लड़ेंगे।
केजरीवाल की गिरफ्तारी से चुनाव में आप को झटका
केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव में झटका लग सकता है। आप पहले से ही शीर्ष नेतृत्व की अनुपस्थिति से जूझ रही है। वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया व संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं, अब केजरीवाल की गिरफ्तारी हो गई है। लिहाजा लोकसभा चुनाव में आप के प्रचार की कमान संभालने वाला कोई बड़ा नेता नहीं है। आप ने देशभर में अपना विस्तार करने के लिए दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है, जबकि पंजाब में वह अकेले चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल आप के स्टार प्रचारक हैं।
दरअसल, आप के रणनीतिकारों के लिए इस समस्या से निकलना आसान नहीं होगा। आप दिल्ली में कांग्रेस से समझौते के तहत चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। गुजरात में उसे दो सीटें मिली हैं और हरियाणा में कांग्रेस ने एक सीट दी है। आप ने लोकसभा में जीत हासिल करने के लिए अभियान शुरू किया है। इसे संसद में भी केजरीवाल, तो दिल्ली होगी और खुशहाल नाम दिया गया है, जबकि गुजरात में भी केजरीवाल अभियान चलाया है। पंजाब में उसका अभियान राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर केंद्रित है। केजरीवाल लोकसभा चुनाव के तहत लगातार राज्यों में दौरे कर रहे है। उधर, आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा अरविंद केजरीवाल ही होंगे। वे एकमात्र चेहरा हैं जिन पर लोग भरोसा करते हैं और प्यार करते हैं।
छावनी में तब्दील रहा सीएम आवास
दिल्ली हाईकोर्ट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिलने के बाद बृहस्पतिवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम सीएम आवास पर पहुंच गई। टीम के वहां पहुंचने से पहले ही मुख्यमंत्री आवास को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। लोकल पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की कई कंपनियां तैनात की गईं थीं। जिला पुलिस उपायुक्त मनोज कुमार मीणा समेत कई थाने के प्रभारी मौके पर डटे रहे। जैसे ही ईडी के सीएम आवास पहुंचने की सूचना फैली तो धीरे-धीरे आप कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी। पुलिस ने सीएम आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी। सीएम आवास के बाहर धारा-144 लगाकर ड्रोन से भी निगरानी शुरू कर दी गई। साथ ही, एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग पर स्थित ईडी के दफ्तर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईडी ने सीएम आवास पर पहुंचने से पहले ही पुलिस को जानकारी देकर वहां की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कह दिया था। इसे ध्यान में रखते हुए आनन-फानन में सीएम आवास को छावनी में तब्दील कर दिया गया। शुरुआत में ईडी की टीम को अंदर दाखिल होने के लिए मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन बाद में पूछताछ के वारंट दिखाकर टीम अंदर दाखिल हुई। इस बीच आप कार्यकर्ताओं के अलावा कई नेता वहां पहुंच गए। गर्मागर्मी के बीच पुलिस ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। हालांकि, कुछ कार्यकर्ताटों की धक्का-मुक्की को देखते हुए पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर थाने भेजना शुरू कर दिया। सीएम आवास की कार्रवाई के दौरान पूरे सिविल लाइंस एरिया में जाम की स्थिति भी बन गई।
सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 पर एफआईआर दर्ज की थी
जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी थी। इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई, 22 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस पर सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई, 22 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी। आबकारी विभाग के प्रमुख रहते हुए मनीष सिसोदिया ने मार्च 2021 में नई आबकारी नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को इसे लागू किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि नई नीति के तहत शराब की बिक्री में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत निजी थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
सत्य की जीत हुई, सीएम का पापों वाला घड़ा भर गया था : भाजपा
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री का पाप वाला घड़ा भर गया था। युवा वर्ग को नशे में ढकेलने की कोशिश कर रहे थे। सत्य की जीत हुई है। आम आदमी पार्टी अराजक तत्वों की पार्टी है। उन्हें कानून से कोई मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को जांच से गुजरना ही होगा। न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि शराब घोटाले में जांच होनी ही है।
केजरीवाल आवास पर कब क्या हुआ
- 7 बजे रात – ईडी की टीम सीएम आवास पहुंची
- 7.10 बजे – ईडी ने अधिकारी को वारंट दिखाया
- 7:15 बजे – आप कार्यकर्ता सीएम आवास पर जुटना शुरू
- 7:17 बजे – आप कार्यकर्ताओं का हंगामा
- 7:20 बजे – ईडी की टीम को सीएम आवास में जाने दिया गया
- 7:42 बजे – सीएम आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ाई
- 7:50 बजे – सीएम आवास पर बढ़ा हंगामा
- 8:45 बजे – आप विधायक व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
- 9:15 बजे – मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार
शराब नीति मामले में अब तक गिरफ्तारी
- विजय नायर
- अभिषेक बोइनपल्ली
- समीर महेंद्रू
- पी सरथ चंद्रा
- बिनोय बाबू
- अमित अरोड़ा
- गौतम मल्होत्रा
- राघव मंगुटा
- राजेश जोशी
- अमन ढाल
- अरुण पिल्लई
- मनीष सिसोदिया
- दिनेश अरोड़ा
- संजय सिंह
- के. कविता