कृषि आय को इनकम टैक्स से छूट देने के नाम पर आयकर विभाग में गड़बड़झाला हो रहा है। सीएजी ने इसका खुलासा किया है। सीएजी का कहना है कि आयकर विभाग के अधिकारी कागजात की जांच और जरूरी दस्तावेजों के बगैर ही बड़ी संख्या में कृषि आय को इनकम टैक्स से छूट दे रहे हैं। सीएजी ने इस धांधली को रोकने के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक कृषि आय दिखाकर आयकर से छूट मांगने वाले प्रत्येक असेसी की जांच करने की सिफारिश की है।
सीएजी ने डाइरेक्ट टैक्स पर ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। यह रिपोर्ट मंगलवार को लोक सभा में पेश की गई। रिपोर्ट के मुताबिक सीएजी ने स्क्रूटनी असेसमेंट के 6,778 मामलों का ऑडिट किया और पाया कि 1,527 मामलों में जरूरी कागजात की जांच किए बगैर ही कृषि आय को आयकर से छूट दे दी गई। इनमें से 716 मामलों में तो जमीन के कागज तक भी उपलब्ध नहीं थे। दरअसल सीएजी ने जब कृषि आय को आयकर से छूट मांगने वाले असेसी का ब्यौरा मांगा तो आयकर विभाग ने बताया कि 2014-15 से 2016-17 के दौरान आयकर में पांच लाख रुपये से अधिक कृषि आय का दावा करने वाले कुल 22,195 मामलों का स्क्रूटनी असेसमेंट हुआ है। सीएजी ने इसमें से 7,082 असेसमेंट मामलों को ऑडिट के लिए चुना और इनके दस्तावेज विभाग से मांगे।
सीएजी ने विभाग के अधिकारियों द्वारा सिस्टम में इनकम टैक्स से कृषि आय को छूट के संबंध में दिए गए आंकड़ों में भी त्रुटि पाई है। सीएजी का कहना है कि आयकर आयकर विभाग को 10 लाख रुपये से अधिक कृषि आय दिखाकर आयकर से छूट लेने वाले व्यक्तियों, कंपनियों और संगठनों के असेसमेंट की जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें जो छूट दी गई है, वह उपयुक्त दस्तावेजों पर आधारित है या नहीं।