पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में भारत ने पाकिस्तान से बिना रोकटोक कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में रिव्यू पीटिशन दायर करने से पहले भारत की ओर से पाकिस्तान से यह मांग की गई है. आईसीजे के अनुसार कॉन्सुलर एक्सेस और स्वतंत्र-निष्पक्ष ट्रायल होना चाहिए.

भारत ने पाकिस्तान से कहा कि आप कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान बातचीत की भाषा को सिर्फ इंग्लिश नहीं कर सकते हैं. भारत चाहता है कि पाकिस्तान दो अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की अनुमति दे. इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कुलभूषण जाधव की जान बचाने को लेकर हम अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे.
दरअसल, बीते दिनों पाकिस्तान ने दावा किया था कि जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दिया है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव पर पाकिस्तान का दावा दूरगामी है. भारत जाधव को बचाने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान का नया दावा पिछले चार सालों से चल रहे फरेब का एक सिलसिला है.
जाधव को मजाकिया ट्रायल के जरिए फांसी की सजा सुनाई गई. वह पाकिस्तान सेना के कब्जे में हैं. रिव्यू फाइल करने से इनकार करने के लिए उन्हें स्पष्ट रूप से मजबूर किया गया है.
भारत ने कुलभूषण जाधव तक बेरोक-टोक पहुंच होने की मांग की है ताकि उनके पास मौजूद विकल्पों पर चर्चा की जा सके. पाकिस्तान ने स्पष्ट रूप से जाधव को आईसीजे के फैसले के कार्यान्वयन के लिए अपने अधिकारों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है.
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