पिछले 15 दिनों से किसान आंदोलन के चलते प्रशासन ने मारकंडा नदी पर नेशनल हाईवे को आरसीसी की पक्की दीवारें बनाकर बंद किया हुआ था। अब मारकंडा नदी लिंक रोड से बैरिकेड हटने के बाद अंबाला जाने वाले अब सीधा जीटी रोड से सफर करेंगे।
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सील किए गए नेशनल हाईवे 44 पर सोमवार को राहगीरों को कुछ राहत मिल पाई है। प्रशासन ने अब यहां की गई बैरिकेडिंग हटानी शुरू कर दी है। सोमवार शाम को प्रशासन ने मारकंडा नंदी के पास हाईवे लिंक रोड पर की गई कंकरीट बैरिकेडिंग को जेसीबी के जरिए हटा दिया, जहां से दिल्ली की ओर से अंबाला की ओर जाने वाले राहगीरों को राहत मिली है।
उधर अंबाला से दिल्ली हाईवे पर लगाई गई कीलों की चादर भी हटा दी गई है। इसके साथ ही संभावना जताई जा रही है कि किसान शांत रहें तो अगले एक-दो दिन में बाकी रास्ते भी खोल दिए जाएंगे। बैरिकेडिंग हटाए जाने की कार्रवाई डीएसपी रणधीर सिंह की मौजूदगी में की गई जबकि इस दौरान एसडीआरफ के जवान मौजूद रहे।
मारकंडा नदी लिंक रोड से बैरिकेड हटने के बाद अंबाला जाने वाले अब सीधा जीटी रोड से सफर करेंगे, जबकि पंजाब-चडीगढ़ जाने वाले जो वाहन पहले पिपली-लाडवा-रादौर-दोसड़का-पंचकूला जा रहे थे, वह अब मारकंडा नदी पार करके साहा से सीधा नेशनल हाईवे-322 से पंचकूला पहुंचकर आगे का रास्ता तय करेंगे। बता दें कि पिछले 15 दिनों से किसान आंदोलन के चलते प्रशासन ने मारकंडा नदी पर नेशनल हाईवे को आरसीसी की पक्की दीवारें बनाकर बंद किया हुआ था, जिसके बाद दिल्ली से राजपुरा-अमृतसर-चंडीगढ़ जाने-आने वाले वाहनों को पुलिस ने पिपली-लाडवा-रादौर-दोसड़का से नेशनल हाईवे-322 पर डायवर्ट किया हुआ था और शाहाबाद से इन वाहनों को बराड़ा-दोसड़का से डायवर्ट किया हुआ था।
पंजाब जाने वाले वाहन पंचकूला के बाद जीरकपुर-बनूड़-राजपुरा का रास्ता ले रहे थे, जबकि चंडीगढ़ जाने वाले वाहन पंचकूला से उद्योग पथ मार्ग का इस्तेमाल कर रहे थे। इस रूट पर हर वाहन को मिलकमाजरा टोल बूथ और जलौली टोल बूथ पर डबल और चार गुना टोल देना पड़ रहा था, जबकि ईंधन भी डबल लग रहा था। उधर किसान आंदोलन अभी शांत है, जिसके बाद सोमवार को प्रशासन ने मारकंडा नदी के बाद लिंक रोड से बैरिकेड हटा दिए है। अब वाहन साहा का रास्ता लेकर अपना मिलकमाजरा वाला एक टोल और कुछ सफर भी बचा सकेंगे।
हालांकि अभी स्थिति सामान्य नहीं है और अभी भी वाहनों को शाहाबाद में कुछ देर जाम में फंसना पड़ेगा, क्योंकि एक तरफ का केवल लिंक रोड ही वाहनों के लिए खोला है, जिससे वाहनों को नेशनल हाईवे पर मारकंडा के ऊपर अंबाला-दिल्ली और दिल्ली-अम्बाला का कुछ सफर एक लिंक रोड से तय करना होगा। उधर डीएसपी रणधीर सिंह का कहना है कि फिलहाल लिंक रोड ही खोले जाने के आदेश हुए हैं। किसान आंदोलन शांत होने और उच्चाधिकारियों के आदेश आने के बाद दूसरे रास्ते भी खोल दिए जाएंगे।
रामनगर और जैनपुरा के ग्रामीणों को बड़ी राहत
हाईवे सील होने के चलते पिछले 15 दिनों से गांव रामनगर और गांव जैनपुरा में छोटे रास्तों के जरिए ही बड़ी संख्या में हाईवे के वाहन गुजरने लगे थे इससे दोनों गांव के ग्रामीण परेशान थे। सोमवार सुबह गांव रामनगर में अपनी फसल को पानी देने के लिए पाइप लगाने के बाद रमेश किसान सो गया और जब सुबह उसने उठकर देखा तो किसी वाहन ने खेतों में जा रहे उसके पाइप को टायर चढ़ाकर फाड़ दिया, जिसके बाद कच्चे रास्ते में पानी इकट्ठा होने से वाहन उसमें फंस गए और ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद वाहनों को पानी से निकाला। गांव जैनपुरा में भी वाहनों की लाइनें लगी रहीं। अब हाईवे लिंक रोड खुला तो अब वाहन सीधे वहीं से जा सकेंगे।