कुदरत का करिश्मा : 2 किलो 464 ग्राम का नींबू, देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे

हरियाणा में हिसार की मंडी आदमपुर के गांव किशनगढ़ के रहने वाले किसान विजेंद्र थोरी के खेत में एक अजब सा कुदरत का करिश्मा देखने को मिला है. जहां एक पौधे पर तरबूज के आकार के नींबू लगे हैं. यह मामला सुनकर आपको काफी हैरानी होगी लेकिन ये बिलकुल सच है. 

दरअसल, किशनगढ़ के किसान विजेंद्र थोरी के खेत में तरबूज के आकार के नींबू लग रहे हैं जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. साथ में नीबू को लेकर भी जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, किसान के पौधे पर ढाई से 3.50 किलो के नींबू लग रहे हैं. इतने बड़े आकार के नींबू देखकर हर कोई हैरान है. जल्द ही किसान विजेंद्र थोरी गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन करेंगे.

किसान विजेंद्र उर्फ विजय थोरी का कहना है कि कुछ साल पहले अपनी 7 एकड़ जमीन पर पंजाब से लाकर किन्नू की पौध लगाई थी. उन्होंने बीच-बीच में माल्टा, मौसमी और नींबू के पौधे लगाए थे. किन्नु के अलावा नींबू लगने शुरू हो गए हैं. अहम बात यह है कि पेड़ पर लग रहे नींबू काफी बड़े आकार के हैं.

ग्रामीणों ने पेड़ से नींबू तोड़कर कांटे पर रखा तो उसका वजन 2 किलो 464 ग्राम था. किसान विजेंद्र उर्फ विजय थोरी ने बताया कि पौधे को पूरी तरह आर्गेनिक खाद दी गई है. इसी कारण नींबू का वजन इतना अधिक हो गया है. पेड़ पर लग रहे नींबू की चर्चा सुनकर बड़ी तादाद में ग्रामीण पहुंच रहे हैं. ग्रामीण नींबुओं के साथ फोटो भी क्लिक कर रहे हैं.

इतने बड़े-बड़े नींबू देखकर हर कोई हैरान है. किसान विजेंद्र थोरी का कहना है कि आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करने से ही निश्चित तौर पर नींबू का आकार इतना बड़ा हुआ है. वह खुद इसको लेकर आश्चर्यचकित हैं. किसान विजेंद्र उर्फ विजय थोरी का दावा है कि इस तरह की नींबू की किस्म का आजतक नहीं पाई गई है. साथ ही मुझे अंदाजा नहीं है कि यह कौन सी किस्म है. कुछ लोगों का कहना है कि इजराइल में ऐसे नींबू पाए जाते हैं लेकिन यह एक अद्भुत बात है कि इतने बड़े-बड़े नींबू देखने को मिले हैं.

किसान का कहना है कि इस किस्म को मैंने सभी जगह दिखाया लेकिन किसी भी डॉक्टर को ये नहीं पता चला कि यह कौन सी किस्म का नींबू है. यही नहीं इतने बड़े आकार का यह नींबू पथरी की बीमारी में मरीजों के लिए रामबाण साबित हो रहा है. किसान विजेंद्र किशनगढ़ का दावा है कि नींबू की शिंकजी पीने से पूरे गांव में पथरी का एक भी रोगी नहीं है. किसान का कहना है कि जैसे ही इस नींबू के बारे में लोगों को पता लगता है तो नींबू लेने के लिए कई गांव और शहरों से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग आ रहे हैं. पहली बार में ही इस नींबू की शिंकजी पीने से पथरी की बीमारी से आराम आ जाता है.

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