राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को जनता की प्रतिष्ठा का सवाल बताते हुए कहा कि किसान महीने भर से सड़क पर बैठे हैं लेकिन केंद्र की संवेदनहीन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं. गहलोत ने कहा कि कभी मध्य प्रदेश तो कभी अन्य प्रदेशों के किसानों से अलग अलग बात करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के किसानों से बात करनी चाहिए.
अपनी सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरे होने पर यहां मीडिया से संवाद कार्यक्रम में गहलोत ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, “भारत सरकार को समझना चाहिए कि किसान सर्दी में बैठे हैं, लेकिन उसे परवाह ही नहीं है, इतनी संवेदनहीनता नहीं होनी चाहिए. प्रतिष्ठा तो जनता की होती है, जनता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी तो नेता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी, सरकार की प्रतिष्ठा कायम रहेगी. आज जनता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.”
उन्होंने कहा, “किसान 25-30 दिन से सड़कों पर बैठे हैं और कोई सुनवाई करने वाला नहीं है. रोज उनको निमंत्रण देकर भ्रम फैलाते हैं और आरोप विपक्ष लगाते हैं.’’ किसान आंदोलन को स्वत:स्फूर्त आंदोलन बताते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘पूरे देश के किसान दुखी हैं वे समझते हैं कि आने वाला वक्त बर्बादी भरा होगा और वे अपनी आने वाली पीढ़ी को इस बर्बादी से बचाना चाहते हैं इसलिए आंदोलन की राह पर हैं.”
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी मध्य प्रदेश तो किसी अन्य राज्य के किसानों से बात करने के बजाय देश के किसानों से बात करनी चाहिए और उन्हें अपने कृषि विधेयकों के बारे में समझाना चाहिए. कुछ महीने पहले उनकी सरकार पर आए संकट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि बीजेपी मुसलमानों का इस्तेमाल देश में चुनी हुई सरकारों को गिराने में कर रही है.
गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार को गिराने के षडयंत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ साथ राज्य में BJP के चार नेताओं और जफर इस्लाम भी शामिल थे. गहलोत ने कहा, “सब हथियार उन्होंने अपना लिए. चाहे धर्मेंद्र प्रधान हो या चाहे जफर इस्लाम… एक नया जफर इस्लाम पैदा हुआ है देश में जो चाहे मध्य प्रदेश की सरकार हो या राजस्थान की … एक मुसलमान को टिकट नहीं देती BJP. उत्तर प्रदेश में 400 और बिहार में 250 के करीब टिकट दी जाती हैं BJP एक टिकट किसी मुसलमान को नहीं देती. और मुसलमानों को सरकारें गिराने के लिए इस्तेमाल कर रही है…. जबकि वह एक दिखावटी टिकट तक किसी मुसलमान को नहीं देती है.”
एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा, “बीजेपी ने इस देश में लोकतंत्र के साथ विश्वाासघात किया है. आप लोकतांत्रिक ढंग से जीतने की बात करते हो…जीतते हो और आप जो आचरण कर रहे हो वह लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है. यह बहुत गंभीर बात है.” गहलोत ने कहा कि बीजेपी ने उनकी सरकार को गिराने का षडयंत्र किया उसका भी अगले चुनाव में इस राज्य की जनता बदला लेगी.
गहलोत ने कहा, “मेरे पास तो सबूत हैं. हमारे नेताओं से बात की गयी . गेम बहुत बड़ा था आपकी दुआओं से सरकार मजबूती से उबर कर आई है आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले तीन साल में और मजबूती के साथ काम करेगी.” सचिन पायलट के साथ हुए विवाद संबंधी एक सवाल पर गहलोत ने कहा, “मैंने तब भी कहा था कि फारगेट एंड फोरगिव … भूलो और माफ करो. यह बात तो सबको समझने वाली है जो ना समझे वह अनाड़ी है. मैंने दिल से कहा है फारगेट एंड फारगिव. इसका मतलब अगर मैंने कोई गलती की है तो भूलो और माफ करो. उसका मतलब यह भी होता है. इससे बड़ी बात क्या होगी.”
गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार किसानों के कर्ज माफ कर दिए. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किये लगभग 500 वादों में से 50% वादे दो साल में ही पूरे कर दिए. गहलोत ने राज्य में बजरी के अवैध धंधे पर चिंता जताई और उम्मीद जताई कि इसका जल्द ही कोई कानूनी समाधान निकलेगा.