ट्रेन अपनी स्पीड पर थी, कि अचानक चीख पुकार मच गई। लोग बोगी से कूदने लगे, जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे। जानिए आखिर क्या हुआ था ऐसा।
कुरुक्षेत्र जिले के गांव धीरपुर के नजदीक बने फाटक पर मंगलवार सुबह हादसा देखने को मिला। कालका-हावड़ा ट्रेन अपनी स्पीड पर थी कि अचानक आखिरी बोगी आग की लपटों से घिर गई। देखते ही देखते बोगी आग का गोला बन गई।
बोगी में बैठे लोग चीखने चिल्लाने लगे, पर किसी ने हिम्मत करके चेन खींच दी। जैसे ही ट्रेन धीमी हुई, लोग बोगी से कूद कर इधर उधर भागने लगे। हालत देखकर अन्य बोगियों के लोग उतर आए और आग का गोला बनी बोगी से लोगों को उतारने लगे।
कई लोग बेहोश हो चुके थे, जिन्हें आनन फानन में नजदीक के प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया। प्राथमिक जांच के बाद आठ लोगों की हालत नाजुक बताई गई। आठों लोग एक ही परिवार के हैं। वहीं हादसे के बाद ट्रेन के अन्य यात्रियों में दहशत फैल गई।
डीआरएम रविंद्र नाथ, एडीआरएम नवीन परशुराम, जीआरपी व आरपीएफ के साथ मौके पर पहुंचे और अस्पताल में मरीजों का हाल चाल जाना। बोगी के यात्रियों से बातचीत करने पर पता चला कि आग लगने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गई थी।
वहीं आगजनी का कारण रेल के इंजन के पीछे वाली बोगी में केमिकल को बताया गया है। यह जानकारी रेलवे पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने दी, जबकि डीआरएम ने अभी तक आगजनी के कारणों की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने बताया कि आगजनी के कारणों का खुलासा जांच पूरी होने के बाद किया जाएगा।
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