हर बार की तरह इस बार भी हादसे के बाद कानपुर पुलिस और संभागीय परिवहन विभाग के अफसरों की नींद टूटी है। अरौल में गुरुवार को स्कूली वैन हादसे का शिकार होने के बाद शुक्रवार को यातायात पुलिस और संभागीय परिवहन अधिकारी सड़क पर उतरे और स्कूली वाहनों की फिटनेस, कागजात और चालकों को चेक किया। इस दौरान नौ वैन का चालान और तीन वैन सीज की गईं।
यातायात पुलिस के पश्चिम जोन के निरीक्षक मोबीन खान और इंस्टासेप्टर प्रभारी टीएसआई मुनेंद्र प्रताप सिंह बिठूर रोड पर स्कूली वाहनों की चेकिंग करते दिखे। इस दौरान टीम ने डीपीएस स्कूल की एक वैन को रोकने का प्रयास किया, तो चालक वैन लेकर भागने की कोशिश की। वहीं, वैन में 13 छात्र मिले।
टीएसआई ने स्कूल मैनेजमेंट और परिजनों को सूचना देकर छात्रों को सुपुर्द कर दिया। डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि चालक का चालान करने के साथ वैन को सीज कर दिया गया है। पुलिस ने दौड़कर वैन को रोका और चालक की ब्रीथ एनेलाइजर से जांच की, तो वह नशे में मिला। पुलिस ने चालक का चालान करने के साथ स्कूल के बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया।
सभी वाहनों में सब कुछ ठीक मिला
आवास विकास नहर पनकी पर भी यह टीम स्कूली वाहनों की चेकिंग कर रही थी। टीम ने कई स्कूली वाहनों को रोका। चालक का ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के कागजात चेक किए, लेकिन सभी वाहनों में सब कुछ ठीक मिला। यशोदा नगर चौराहा पर टीएसआई नित्यानंद राय और सतेंद्र कुमार ने स्कूली वाहनों रोक कर चेक किया। एआरटीओ और टीएसआई देवेंद्र राज सहाय विजय नगर चौराहे पर चेकिंग करते दिखे।
यातायात नियमों का पालन करने की नसीहत दी
कई स्कूली वाहनों ने दोनों अधिकारियों ने रोका। कागजात देखे और ब्रीथ ऐनलाइजर से चालकों को चेक किया। इस दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों को गुलाब का फूल दिया। सथ ही यातायात नियमों का पालन करने की नसीहत दी। सिविल लाइंस के एमजी कालेज चौराहे पर पूर्वी जोन प्रभारी संतोष कुमार मौर्य ने स्कूली वाहनों की चेकिंग की।
स्कूल प्रबंधक को भेजा गया पत्र
डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि शहर के सभी स्कूल प्रबंधकों को पत्र भेजा गया है। जिसमें लिखा है कि स्कूली वाहनों पर मानकों के अनुसार से ही छात्र-छात्राओं को बैठाया जाए। जांच में मानक के अनुरूप न पाए जाने पर वैन चालक के साथ ही स्कूल प्रबंधन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले साल 276 स्कूली वैन पर हुई थी कार्रवाई
आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह ने बताया कि तीन टीमों ने शुक्रवार को स्कूली वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान स्कूल बस, वैन और ई रिक्शा की जांच की गई। इस दौरान 11 वाहनों पर कार्रवाई की गई। वहीं, पिछले वर्ष 276 स्कूल वैन का चालान किया गया था। इनमें 65 वाहन सीज किए गए थे। पूरे वर्ष मात्र 6 वाहन क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाए मिले।
अभिभावकों को जागरूक होने की जरूरत है। क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाने वाले वाहनों में अपने बच्चों को न भेजें। इसकी शिकायत सीधे करें। विद्यालय यान परिवहन समिति के जरिये स्कूल प्रशासन, अभिभावकों और विभागीय अधिकारियों के साथ वर्ष में दो बार बैठक होती है, जिसमें स्कूली बच्चों के आवागमन को लेकर दिशा निर्देश जारी किये जाते हैं। -राजेश सिंह, आरटीओ, प्रशासन
आरटीओ में दर्ज स्कूली वाहनों से ज्यादा दौड़ रहीं वैन
परिवहन विभाग में 527 स्कूली बस दर्ज हैं। वहीं स्कूल वैन महज 155 ही दर्ज हैं। एक अनुमान के अनुसार पूरे शहर में 1000 से ज्यादा स्कूल वैन बच्चों को लेकर आती हैं। ऐसे वाहनों को यातायात पुलिस और प्रवर्तन सिपाहियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा है।