कानपुर में नगर विकास मंत्री के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को शहर में कूड़ा उठान शुरू हो गया। इस मुद्दे को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद सपा नेताओं ने इस खबर की कटिंग के साथ नगर विकास मंत्री को ट्वीट किया। नगर विकास मंत्री ने इस पर नाराजगी जताई और तत्काल कूड़ा उठान शुरू कराने को कहा। इसके बाद नगर निगम अफसरों ने पंप मालिकों को भुगतान का आश्वासन दिया, जिस पर डीजल मिलना शुरू हुआ।
नगर निगम से संबद्ध पांच पेट्रोल पंपों से नगर निगम के वाहनों को डीजल की आपूर्ति होती है। डीजल के मद में हर महीने करीब चार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इन पांचों पंपों को तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया। इस मद में 12-13 करोड़ रुपये बकाया हो जाने पर सोमवार को इन सभी पंप संचालकों ने नगर निगम के वाहनों को डीजल की आपूर्ति बंद कर दी। पंपों में पहुंचे वाहनों को डीजल न मिलने पर चालकों ने अधिकारियों को जानकारी दी।
मंत्री ने नगर निगम अफसरों से बात कर नाराजगी जताई। इस पर नगर निगम अधिकारियों ने पंप मालिकों से बात की और आश्वासन दिया कि 12 बजे दफ्तर खुलते ही भुगतान कर दिया जाएगा। ऐसा न होने पर वह फिर डीजल आपूर्ति बंद कर सकते हैं। इसके बाद डीजल मिलने लगा और कूड़ा उठान शुरू हो सका। इस संबंध में महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा है कि सोमवार को कूड़ा उठान में दिक्कत हुई थी। जानकारी मिलने पर इसका निस्तारण किया गया और मंगलवार से कूड़ा उठान होने लगा।
ये व्यवस्थाएं हुई थी प्रभावित
नगर निगम 401 डंपर, जेसीबी, बॉबकट, टाटा-एस, डीसीएम आदि के जरिए 267 वर्ग किलोमीटर दायरे वाले शहर के सभी 110 वार्डों से कूड़ा व मलबा उठाता है। स्ट्रीट लाइटें ठीक करने के साथ ही छुट्टा मवेशी भी पकड़े जाते हैं। इनमें से रबिश विभाग की गाड़ियां शहर से रोज औसतन साढे ग्यारह सौ मीट्रिक टन कूड़ा उठाकर निस्तारण प्लांट पहुंचाती हैं। इसी तरह अभियंत्रण विभाग की गाड़ियां जगह-जगह पड़ा मलबा, कैटल कैचिंग विभाग की गाड़ियां छुट्टा मवेशी पकड़ती हैं, मार्ग प्रकाश विभाग की गाड़ियां स्ट्रीट लाइटें ठीक करती हैं।
सोमवार को कूड़ा उठान ठप नहीं हुआ था। 350 वाहनों से डोर टू डोर व 42 ट्रांसफर स्टेशन में 148 वाहनों से 1057 मीट्रिक टन कूड़ा उठान हुआ। इस संबंध में डीजल पर्ची संलग्न कर ट्वीट भी किया है। –सुधीर कुमार, नगर आयुक्त