उन्नाव केस में जिंदा बची लड़की का इलाज कानपुर के एक अस्पताल में चल रहा है. अस्पताल का कहना है कि लड़की की हालत में थोड़ा सुधार हुआ है, वेंटिलेटर पर निर्भरता कम करने का प्रयास किया जा रहा है, शरीर में कुछ हलचल है, जो पहले नहीं थी, अगले 24 घंटे काफी अहम है. इस बीच केजीएमयू से विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम कानपुर पहुंच रही है.
वहीं, उन्नाव मामले में अब शक की सुई चिप्स के पैकेट पर जा टिकी है. पुलिस ने उस दुकानदार से पूछताछ की, जहां स्निफर डॉग ने पुलिस को पहुंचाया. साबिर नाम के उस दुकानदार ने पूछताछ में बताया कि जाते वक्त तीनों लड़कियों ने चिप्स के पैकेट खरीदे थे. पुलिस ने चिप्स के बाकी पैकेट जब्त कर लिए हैं.
पुलिस इसे जांच के लिए भेजेगी और पता लगाएगी कि कहीं इसमें जहरीला पदार्थ तो नहीं था. इसी बीच दोनों लड़कियों का उन्नाव में अंतिम संस्कार कर दिया गयास लेकिन मौत की गुत्थी अब भी बनी हुई है.पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट में दोनों के शरीर में जहर की पुष्टि हुई, लेकिन सवाल अब भी बना है कि उन्हें जहर दिया गया था या फिर कुछ खाने से ये शरीर में पहुंचा.
आपको बता दें कि उन्नाव के बुबराह गांव में बुधवार 17 फरवरी की देर शाम खेत पर चारा लेने गई तीन लड़कियां बेहोशी की हालत में मिली थी. ये बुआ और भतीजी थी. तीन लड़कियों के मुंह से झाग आ रहा था. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां दो लड़कियों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया, जबकि एक को कानपुर रेफर कर दिया.
कानपुर के एक अस्पताल में लड़की का इलाज चल रहा है. इस बीच विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष के हंगामे के बाद हरकत में आई पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी. लखनऊ से आला अफसर गांव पहुंचने लगे और हत्या की गुत्थी सुलझाने की कोशिश करने लगे, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है.