मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सरकार बनने के बावजूद लोकसभा चुनावों में मिली बुरी हार से कांग्रेस सतर्क हो गई है। अब पार्टी कुछ महीने बाद होने वाले नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, पंचायत और सहकारी बैंकों के चुनावों पर नजरें जमाए है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भाजपा द्वारा वार्डों की बदली गई सीमाओं को अपने हिसाब से परिवर्तित कराने के लिए स्थानीय नेताओं को सक्रिय कर दिया है तो भाजपा शासित परिषदों के घपलेघोटालों को जुटाने की जिम्मेदारी भी दे दी है। पार्टी क्षेत्र के विकास के साथ भाजपा शासित नगर निगम-नगर पालिकाओं के भ्रष्टाचार को चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाएगी।
इसके लिए कांग्रेस आने वाले सभी चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है और मुख्यमंत्री कमलनाथ से संगठन ने समय भी मांगा है। प्रदेश में कुछ महीने के दौरान नगर निगम, नगर पालिका और पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं। इनके साथ ही जिला सहकारी बैंकों के चुनाव भी होंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन सभी संस्थाओं के चुनावों को देखते हुए विधानसभा चुनाव के पहले से ही तैयारी शुरू कर ली थी।
इनके लिए सहकारिता प्रकोष्ठ, नगरीय निकाय प्रकोष्ठ और पंचायतराज संगठन का गठन किया था। साथ ही किसान खेत मजदूर कांग्रेस की भूमिका चारों संस्थाओं के चुनाव में बढ़ाई थी। मगर प्रदेश में सरकार बनने के बाद लोकसभा चुनाव में करारी हार मिलने से अब चारों संस्थाओं के चुनाव पार्टी के लिए और ज्यादा प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं, क्योंकि अभी कांग्रेस के कब्जा प्रदेश की एक भी नगर निगम पर नहीं है।
विभागों से लगातार समन्वय बनाए संगठन : नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस संगठन विभागों के मंत्रियों से लगातार समन्वय बनाए हुए है। नगर निगम व नगर पालिका चुनाव के लिए शासन से जारी होने वाले निर्देशों को लेकर पीसीसी पदाधिकारियों की नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह से चर्चा हो चुकी है। इन चुनावों के लिए वार्ड परिसीमन का पीसीसी इंतजार कर रही है। पीसीसी ने जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भी अपने स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पर विचार : पीसीसी में नगर निगम-नगर पालिका चुनाव के परिसीमन और आरक्षण के इंतजार के साथ ही प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा रहा है। चुनाव की रणनीति बनाने के लिए पीसीसी ने मुख्यमंत्री से समय मांगा है, जिसमें प्रत्याशी चयन प्रक्रिया पर भी चर्चा होगी। प्रत्याशी चयन को लेकर प्रभारी मंत्रियों के साथ जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों, विधानसभा चुनाव हारे-जीते प्रत्याशी, कांग्रेस के आनुषांगिक संगठन के स्थानीय पदाधिकारी की कमेटी बनाए जाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
कुछ महीनों में होने वाले नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत चुनावों को लेकर पार्टी अपनी रणनीति के मुताबिक तैयारी कर रही है। जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के साथ भी बैठक होने वाली है।
– वार्ड परिसीमन की खामियों का पता लगाया जाए।
– पार्टी के वोट बैंक वाले इलाकों पर नजर रखी जाए।
– परिसीमन के दौरान जिला प्रशासन को दावे-आपत्ति के माध्यम से अपने सुझावों को जुड़वाया जाए।
– वार्ड आरक्षण के बाद दावेदारों को अपने मजबूत वोट बैंक वाले सुरक्षित वार्ड में सक्रियता से काम कराया जाए।
– नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, पंचायतों में चुनाव के पहले काम कराने के प्रस्ताव सरकार तक पहुंचाए जाएं।