जनता से पैसा ऐंठकर आधार संबंधी सेवाएं प्रदान करने का दावा करने वाली अनाधिकृत वेबसाइटों और एजेंसियों के खिलाफ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कमर कस ली है.
ये फर्जी एजेंसियां मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए आधार कार्ड से संबंधित सेवाएं प्रदान करने का दावा करती हैं.
यूआईडीएआई ने सख्त कार्रवाई करते हुए गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध 12 वेबसाइट और 12 मोबाइल एप्लिकेशन को बंद करवा दिया है और आदेश जारी किया है कि ऐसी 26 और फर्जी वेबसाइट को फौरन बंद किया जाए.
यूआईडीएआई के संज्ञान में यह बात आई है कि गूगल प्लेस्टोर के जरिए फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन ऑनलाइन आधार कार्ड को डाउनलोड करने, आधार कार्ड बनवाने, पीवीसी आधार कार्ड बनाने जैसी सेवाएं दे रहे हैं.
इस तरह वे लोगों से गैर कानूनी तौर पर आधार नंबर और लोगों का ब्यौरा हासिल करते हैं.
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर अजय भूषण पांडे ने बताया है कि यूआईडीएआई ने मोबाइल एप्लिकेशन या वेबसाइट के मालिकों को आधार कार्ड से संबंधित किसी भी सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि आधार संबंधित हर प्रकार की सूचना केवल आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत प्राप्त की जा सकती है.
इसका उल्लंघन करने पर आधार अधिनियम की धारा 38 और खंड 7 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे प्राधिकरण ने अधिकृत नहीं किया है, अगर वह जानबूझ कर केंद्रीय पहचान आंकड़ों को प्राप्त करने की अनाधिकृत चेष्टा करता है तो वह दंड का भागी होगा.
डॉक्टर पांडे ने कहा कि अनाधिकृत वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन प्रदाता गैर कानूनी रूप से आधार ‘लोगो’ इस्तेमाल कर रहे हैं जो आधार अधिनियम और कापीराइट अधिनियम का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा कि इन वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन प्रदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने लोगों को सावधान किया कि वे इन वेबसाइट के झांसे में न आएं और किसी को भी अपनी जानकारी न दें.
आधार संबंधी समस्त सेवाएं केवल यूआईडीएआई की वेबसाइट यूआईडीएआईडॉटइन पर ही उपलब्ध है.
इसके अलावा आधार नाम से संबंधित कोई भी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन फर्जी है. यूआईडीएआई ने सुझाव दिया है कि अगर किसी व्यक्ति का आधार कार्ड खो जाता है तो वह उसे यूआईडीएआई की अधिकृत वेबसाइट से नि:शुल्क डाउनलोड कर सकता है.