कश्मीर में संचार सेवाओं की बहाली के बाद सुरक्षा बलों को आतंकियों की भर्ती का अभियान तेज होने की आशंका सता रही है। सुरक्षा बलों का मानना है कि पिछले दो माह से घाटी में भर्ती पर लगभग रोक थी।

क्योंकि संपर्क का जरिया नहीं था। लेकिन खुफिया सूत्रों ने आशंका जताई है कि अब इस अभियान में तेजी आ सकती है। इसलिए सुरक्षा बलों की तरफ से सामुदायिक स्तर पर निगरानी की जा रही है ताकि ऐसे किसी मामले के सामने आते ही उसमें कार्रवाई की जाए।
सुरक्षा बलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीमापार से घुसपैठ की आशंका बराबर बनी हुई है जिसकी जवाबी रणनीति तैयार है। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है। लेकिन असर्ल ंचता स्थानीय आतंकी भर्ती को लेकर है।
सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के तमाम आतंक प्रभावित इलाकों में सूचना तंत्र को मजबूत किया है। हालांकि बीच में संचार सेवाएं बंद होने से सुरक्षा बलों को भी खुफिया सूचनाएं एकत्र करने में दिक्कतें आ रही थीं। लेकिन अब नेटवर्क को मजबूत करने के बाद नौजवानों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि यदि किसी नौजवान के आतंक की राह पकड़ने की सूचना मिलती है तो उसके परिजनों की मदद से उसे वापस लाने की कोशिश की जाएगी। यदि सफलता नहीं मिलती तो सुरक्षा बल उसकी धरपकड़ शुरू करेंगे। यह भी आशंका है कि पाकिस्तान की तरफ से सीधे घुसपैठ की बजाय स्थानीय आतंक को हवा देने की कोशिश की जा सकती है। इसमें वह परोक्ष भूमिका निभाएगा।
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