ग़लतफ़हमी की हद
दो महिलाएँ आपस में बात कर रही थी –
पहली:- मेरे मन में कई दिनसे एक बात उठ रही है…
दूसरी – वो क्या बहन ???
पहली:- आदमी कोई उपवास नहीं करता,,
फिर भी उसको *हम जैसी सुशील,शांत और आज्ञाकारी पत्नी कैसे मिल जाती है
विवाह सीज़न शुरू ..
दिलवाले
सिर्फ दुल्हनिया ले जाएंगे…..
दिमाग
वाले उसकी सहेली के नंबर
और शादीशुदा,
बीबी के लिए काउंटर से तंदूरी रोटी लाएँगे
और लड़के, कुछ नहीं करते है, दूसरी की शादी में डांस करते हैं.
पत्नी – कल रात तुम नींद में मुझे गालियां क्यों दे रहे थे…
पति – तुमको गलतफहमी हुई है।
पत्नी – कैसी गलतफहमी?
पति – यही कि मैं सोया हुआ था.
पत्नी : सुन्नो…” ज़िंदगी मौत ना बन जायें सम्भालो यारों… इस गाने का मतलब क्या हैं..
पति : इसमें कवि कहना चाहता हैं की..
“दोस्तों अच्छी ख़ासी ज़िंदगी में शादी मत करो वरना ज़िंदगी मौत बन जाएगी..
इतना बोल्ड बोलने के बाद भाई का मुँह पूरी तरह सूझ गया.
पत्नी: अगर मेरी शादी किसी “राक्षस” से भी हो जाती तो,
मैं इतनी परेशान नहीं होती जितनी तुम्हारे साथ हूँ
पति: पगली खून के रिश्तों में शादियाँ कहां होती है..