दुनियाभर में जावों और पेड-पौधों की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती है। जहां एक ओर दुनिया से जीवों और पेड़-पौधों की कुछ प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं, वहीं एक ओर कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जो इन जीवों या पेड़-पौधों को फलने फूलने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराते हैं। ऐसा ही एक कॉलेज भारत के केरल राज्य मे भी है। केरल के कोट्टायम में स्थित सीएमएस कॉलेज परिसर में आपको पेड़ों की 1,650 प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी।
सीएमएस कॉलेज कोट्टायम के प्रिंसिपल डॉ वर्गीस सी जोशुवा कहते हैं, “इस प्रकृति-अनुकूल परिसर में, हम पौधों और पेड़ों की 1,650 प्रजातियां देख सकते हैं। हम इस सीएमएस कॉलेज परिसर को एक ऐसा स्थान मान सकते हैं जहां पेड़ों का प्रभुत्व है, इसलिए यह स्थान जहां पौधों का प्रभुत्व है वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध होना चाहिए।”
“यहां हरे आवरण में बहुत सारी तितलियां देखी जाती हैं और हमने चींटियों की विभिन्न प्रजातियों और हजारों सूक्ष्म जीवों की पहचान की है और हमने अपने परिसर में तितलियों की 30 प्रजातियों की पहचान की है।”
सीएमएस कॉलेज के प्रोफेसर शनावास शेरिफ कहते हैं, “सीएमएस कॉलेज देश के सबसे खूबसूरत परिसरों में से एक है, जिसका भौगोलिक क्षेत्रफल 50 एकड़ से अधिक है। यह परिसर वनस्पतियों और जीवों की कई दुर्लभ प्रजातियों से समृद्ध है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास एक पौधा है जिसका नाम है क्रोटेलारिया रेटुसा… हमारे पास उस पौधे के आसपास तितलियों की 30 से अधिक प्रजातियां हैं। तितलियां परिसर के लिए काफी अनुकूलित हैं। परिसर में ऐसी दुर्लभ तितलियों को देखना एक सुखद दृश्य है।”