कनाडा के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के कारण वर्ष 2023 में कनाडा द्वारा भारतीय छात्रों को जारी किए गए स्टडी परमिट की संख्या में भारी गिरावट देखी गई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में कनाडाई शीर्ष अधिकारी ने कहा, “ऐसा तब किया गया जब भारत ने परमिट की प्रक्रिया करने वाले कनाडाई राजनयिकों को निकाल दिया और तो और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर राजनयिक विवाद के कारण कम भारतीय छात्रों ने भी आवेदन कम किया था।
इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने एक इंटरव्यू में कहा, उनका मानना है कि भारतीय छात्रों के स्टडी परमिट की संख्या जल्द ही बढ़ने की संभावना नहीं है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के जून में यह कहने के बाद राजनयिक तनाव पैदा हो गया कि ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के सबूत हैं। मार्क मिलर ने कहा, “भारत के साथ हमारे रिश्तों की वजह से वास्तव में आवेदनों की क्षमता आधी हो गई है।”
उल्लेखनीय है कि निज्जर की हत्या से पैदा हुए विवाद के बाद अक्टूबर में कनाडा को अपने 41 राजनयिकों और दो-तिहाई कर्मचारियों को भारत से वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मंत्री के एक प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के विवाद ने भारतीय छात्रों को दूसरे देशों में पढ़ने के लिए ऑप्शन दिया है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत-कनाडा विवाद की वजह से पिछले साल की चौथी तिमाही में भारतीयों को जारी किए गए स्टडी परमिट में पिछली तिमाही की तुलना में 86 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 108,940 से घटकर 14,910 रह गई। ओटावा में भारतीय उच्चायोग के काउंसलर सी. गुरुस उब्रमण्यम ने कहा कि कनाडा की कुछ जगहों पर रहने और शिक्षण सुविधाओं की कमी की वजह से भारतीय अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई के लिए कनाडा के अलावा अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में भारतीयों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा ग्रुप बनाया है। साल 2022 में 41 प्रतिशत से अधिक – या 225,835, ये सभी परमिट उन्हें साल 2022 में दिए गए थे। मार्क मिलर ने कहा, “मैं आपको यह नहीं बता सकता कि राजनयिक संबंध कैसे विकसित होंगे, खासकर अगर पुलिस को आरोप लगाना पड़े।”
कनाडाई विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वजह से हर साल करीब 22 बिलियन कनाडाई डॉलर की कमाई होती है, अब छात्रों का कम होना इन संस्थानों के लिए एक झटका है। कनाडा ने जून में कहा था कि खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के “विश्वसनीय” सबूत हैं, लेकिन भारत ने उस आरोपों को खारिज कर दिया। कनाडाई अधिकारियों ने अभी तक हत्या के लिए किसी पर आरोप नहीं लगाया है।
कनाडाई सरकार भी उनके देश में आवास की कमी की प्रतिक्रिया के रूप में देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या को कम करने की मांग कर रही है। मिलर ने कहा, “अभी हमारे सामने बड़ी संख्या में आने वाले छात्रों की चुनौती है। यह नियंत्रण से बाहर हो गया है और थोड़े समय के लिए इसे कम करने की जरूरत है।”
मार्क मिलर ने कहा कि सरकार इस साल की पहली छमाही के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या कम करने के लिए संभावित सीमा सहित अन्य उपाय पेश करेगी। कनाडा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक लोकप्रिय जगह है, क्योंकि यहां पर पढ़ाई खत्म करने के बाद वर्क परमिट पाना थोड़ा आसान है।