कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और लोग सफर भी दिन निकलने के बाद ही करने को तरजीह दे रहे हैं। सरकारी एवं निजी बसें पहले की तरह ही सुबह पांच बजे और रात नौ बजे बिना यात्रियों के ही रवाना हो रही हैं। कारण, पंजाब में लंबे समय से सर्दियों व गर्मियों के मुताबिक टाइम टेबल में फेरबदल नहीं किया जा रहा। जबकि दशकों से पंजाब के परिवहन क्षेत्र में यह प्रक्रिया चली आ रही थी।
मौसम के मुताबिक टाइम टेबल में तब्दीली नहीं होने का सबसे ज्यादा असर सरकारी बस सेवा को पड़ा है। यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर तड़के व देर शाम को सरकारी बसें चलाई जाती हैं, लेकिन सर्दियों में तड़के व देर शाम को कड़ाके की सर्दी और धुंध के कारण लोग सफर करने से गुरेज करते हैं। ऐसे में सुबह व देर शाम को निकलने वाली बसों में नाम मात्र ही यात्री सफर कर रहे हैं।
यात्रियों की संख्या में 80 फीसद तक कमी
पंजाब रोडवेज के महाप्रबंधक परनीत सिंह मिन्हास ने बताया कि टाइम टेबल में तब्दीली नहीं होने से बस सेवा को नुकसान हो रहा है। स्टाफ बस लेकर समय पर रवाना हो जाता है और उनकी ड्यूटी शुरू हो जाती है। बसों के डीजल का खर्च और कलपुर्जों की घिसाई भी होती है, लेकिन यात्री तो मिलते ही नहीं है। इस वजह से तड़के और देर शाम वाले रूट पर लगभग 80 फीसद यात्रियों की कमी महसूस की जा रही है। ऐसे में टाइम टेबल में फेरबदल भी होना चाहिए, लेकिन यह फैसला तो परिवहन विभाग को ही लेना है।
राजनीति स्वामित्व वाली बसों को कर रहे एडजस्ट : संदीप शर्मा
टाइम टेबल में तब्दीली नहीं किए जाने को लेकर भड़के गगनदीप बस सर्विस के संचालक संदीप शर्मा ने कहा कि यह तो सर्दियों के कुछ महीनों की बात है। हैरानी तो इस बात की है कि पंजाब में परिवहन माफिया के प्रभाव तले आए ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने बीते पांच साल से टाइम टेबल ही नहीं बनाया है। राजनीतिक स्वामित्व वाली बसों को ही मनमर्जी के मुताबिक टाइम टेबल में एडजस्ट किया जा रहा है और बाकी ट्रांसपोर्ट भारी वित्तीय घाटा सहन कर रहे हैं। पंजाब में छोटे ट्रांसपोर्टर बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी मात्र राजनीतिक प्रभाव वाली बस कंपनियों पर मेहरबान हैं।
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