कांग्रेस के महाधिवेशन में जहां नई पीढ़ी के पास पार्टी की कमान जाने का संकेत मिला, वहीं लंबे समय से भुला दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भी याद किया गया। राव को देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है। पिछले कई वर्षों से कांग्रेस के अधिवेशनों और प्रस्तावों में राव का कोई निशान नहीं दिखता था, लेकिन राजधानी के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में कांग्रेस + के 84वें महाधिवेशन के दौरान राव के योगदानों का जिक्र किया गया।
शनिवार को पार्टी के राजनीतिक प्रस्ताव में 1991 के बड़े आर्थिक सुधारों के लिए राव को श्रेय दिया गया। प्रस्ताव के अनुसार, ‘श्री राजीव गांधी की दर्दनाक हत्या से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था और श्री पी वी नरसिम्हा राव को जिम्मेदारी दी गई थी।प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने देश को संकट से निकाला। 1991 के आर्थिक सुधार वास्तव में ऐतिहासिक थे और उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव किया।’ विदेश नीति से जुड़े प्रस्ताव में भी राव का जिक्र था। इसमें कहा गया, ‘नरसिम्हा राव ने भारत के हित को आगे रखने वाली विदेश नीति अपनाई थी।’
इससे पहले कांग्रेस के अधिवेशनों में प्रधानमंत्री के तौर पर राव के कार्यकाल को कुछ खास महत्व नहीं दिया जाता था। 2010 में राजधानी के बुराड़ी में हुए पार्टी के महाधिवेशन में पार्टी की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण में केवल एक लाइन में राव का जिक्र हुआ था। इसमें कांग्रेस की 1885 में स्थापना के बाद से पार्टी के इतिहास पर ‘कांग्रेस एंड दे मेकिंग ऑफ द इंडियन नेशन’ नाम की पुस्तक के पांच वॉल्यूम जारी किए गए थे। पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी की ओर से संपादित इन पुस्तकों के कवर पर अकेले राव ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनकी तस्वीर मौजूद नहीं थी। 172 पेज के पहले वॉल्यूम में राव की सरकार के कार्यकाल पर एक चैप्टर था। इसमें राव को कार्यकाल पूरा करने और मनमोहन सिंह की मदद से आर्थिक सुधार करने का श्रेय दिया गया था। पिछले कई वर्षों से राव की वर्षगांठ पर संसद में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए सिंह को छोड़कर कांग्रेस के अन्य नेता नहीं आते थे।
हालांकि पार्टी के 84वें महाधिवेशन में स्थिति काफी बदली हुई दिखी। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्षराहुल गांधी + यह प्रदर्शित करना चाहते हैं कि पार्टी को मजबूत करने में प्रत्येक नेता का योगदान रहा है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कांग्रेस पर बीजेपी एक परिवार पर निर्भर रहने के लिए हमला कर रही है। इस हमले का मुकाबला करना होगा और इसी वजह से यह दिखाया जा रहा है कि कांग्रेस के पास नेताओं की बड़ी संख्या मौजूद है और इसे केवल एक परिवार नहीं चला रहा।’ यह राहुल के भाषण में भी दिखा था जब उन्होंने कहा था कि वह 1947 के जैसी कांग्रेस बनाना चाहते हैं जब कोई भी नेता पार्टी या सरकार चला सकता था।