ओडिशा के रहने वाले जालंधर नायक भी एक दशरथ मांझी बन गए हैं। उन्होंने हथौड़ा और छेनी से अकेले ही 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे कंधमल पहाड़ को 8 किलोमीटर की सड़क बना डाली है। जिससे अब उनका गुमसाही गांव फूलबनी शहर से जुड़ गया और उनके बच्चे बिना किसी परेशानी के अब स्कूल जा पाएंगे।नायक के मामले पर खंड विकास अधिकारी एसके जेना का कहना है कि वह जहां रहता है वो बसने लायक स्थान है। हमने उसे शहर आकर रहने का निमंत्रण दिया था लेकिन उसने मना कर दिया है। उसे सम्मानित किया जाएगा या नहीं अभी इसका फैसला होना बाकी है।
नायक के इस कदम से आप सभी बच्चों के प्रति उनके प्यार का अंदाजा लगा सकते हैं। सबसे पहले पहाड़ को काटकर सड़क बनाने का काम बिहार के गया के पास गहलौर गांव में रहने वाले एक गरीब मजदूर दशरथ मांझी ने किया था। वे बेहद पिछड़े इलाके में रहते थे और दलित जाति से ताल्लुक रखते थे।