उत्तराखंड राज्य में निकाय चुनाव कराने को लेकर प्रदेश सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है। भाजपा-कांग्रेस ने भी निकाय चुनाव के लिए ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। नगर निगम, नगर पंचायतों में दावेदार अप्रत्यक्ष रूप से अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं। शहरी निकाय चुनाव के लिए चल रही तैयारियों के बीच सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है।
चुनाव से पहले सरकार अपना नया नगर निकाय एक्ट लाएगी। अभी तक उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश के जमाने का नगर निकाय एक्ट ही चल रहा है। नगर निकाय चुनाव कराने के लिए सियासी दलों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने स्पष्ट किया कि अप्रैल माह में ही शहरी निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि जल्द ही राज्य का अपना नगर निकाय एक्ट होगा। राज्य गठन के 17 साल बाद भी उत्तराखंड का अपना शहरी निकाय एक्ट नहीं बन पाया।
हर सरकार ने नगर निकाय एक्ट बनाने की बात की। इसके लिए प्रारूप भी तैयार कराया गया। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। कैबिनेट मंत्री से साफ किया कि राज्य में निकाय चुनाव अप्रैल में ही चुनाव कराए जाएंगे। रुड़की, बाजपुर में सीमा विस्तार की अधिसूचना पर हाईकोर्ट का स्टे है। विकासनगर और कोटद्वार के मामले में भी रिट दायर की गई है। सरकार कानूनी अड़चनों को दूर कर निकाय चुनाव कराएगी।