पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट भंग करने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुख्यमंत्री भगवंत मान सोशल मीडिया पर लाइव हुए और इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि वह पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट भंग करने और उसमें पंजाब की भागीदारी समाप्त करने के भाजपा के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पंजाब के साथ किसी भी कीमत पर धक्केशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पंजाब विश्वविद्यालय उनकी विरासत है और इसे बचाने के लिए उनसे जो भी बन पड़ा वह करेंगे। उन्हें हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा, वह वहां भी जाएंगे, वह कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं और वह यह धक्केशाही नहीं होने देंगे। भाजपा का यह फैसला पूरी तरह से असंवैधानिक है। केंद्र सरकार विधानसभा में पारित किसी अधिनियम को किसी भी अधिसूचना के जरिए रद्द नहीं कर सकती।
इस फैसले से भाजपा ने अपना पंजाब विरोधी चेहरा दिखा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब दिवस के दिन भाजपा ने पंजाबियों को तोहफा दिया है। उनके दिलों में पंजाब के प्रति नफरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय पंजाब की धरोहर है और वह इसे नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे और बड़े वकील नियुक्त करके पंजाब के पक्ष में खड़े होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की ऐसी नापाक हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
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