दुनिया में मशहूर पर्यटन स्थल औली, उत्तराखंड में घूमना अब पर्यटकों के लिए आसान नहीं रहा. औली आने वाले पर्यटक सहित स्थानीय लोगों को भी औली में घूमने का टैक्स अदा करना होगा. गुरुवार से औली की ढलान में घूमने पर पर्यटन विभाग उत्तराखंड द्वारा टैक्स प्रणाली शुरू कर दी गई है. स्थानीय लोगों पर ₹200 प्रति व्यक्ति और देश-विदेश से आने वाले पर्यटको पर ₹500 प्रति व्यक्ति टैक्स लिया जाएगा.
पर्यटन विभाग द्वारा गढ़वाल मंडल विकास निगम को यह जिम्मा दिया गया है. यहां पर चेयर लिफ्ट के ऑफिस के पास ही औली के ढलान पर घूमने का टैक्स काउंटर लगा दिया गया है. विभाग द्वारा यहां पर गढ़वाल मंडल विकास निगम में कार्यरत एक व्यक्ति को तैनात किया गया है जो हर औली घूमने आने और जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखेगा और टैक्स की पर्ची काटेगा.
नया फरमान जारी होने के बाद स्थानीय युवकों में जबरदस्त गुस्सा है. स्थानीय युवक लगातार इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि बर्फबारी का समय तो 2 से 3 महीने का होता है. ऐसे में बड़ी मुश्किल से औली में पर्यटकों का आना होता है और ऊपर से पर्यटन विभाग का ऐसा फरमान जिससे सिर्फ स्थानीय ही नहीं बल्कि पर्यटकों का भी औली आने का रुख कम होगा. इससे स्थानीय बेरोजगारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
स्थानीय युवक दिनेश भट्ट का कहना है कि हम लोगों को 2 से 3 महीना अगर बर्फबारी हुई तो पर्यटकों के आने से हमें रोजगार मिलता है. ऐसे में हम ₹200 प्रति घंटा चार्ज कर पर्यटकों को स्कीइंग करवाते हैं लेकिन जब पर्यटकों को ₹500 टैक्स देना पड़ेगा तो ऐसे में पर्यटक कैसे स्कीइंग करेगा.
कौन पर्यटक आएगा जो एक सेल्फी के लिए ₹500 तक खर्च करेगा
वहीं, एडवेंचर एसोसिएशन के अध्यक्ष और स्कीइंग के जानकार विवेक पंवार कहते हैं कि सरकार को ऐसा फरमान तुरंत वापस लेना चाहिए क्योंकि सरकार द्वारा कृत्रिम बर्फ नहीं बनाई जा रही है. कुदरती बर्फ के साथ सरकार टैक्स लगाने की कोशिश कर रही है तो कौन पर्यटक यहां आएगा जो एक सेल्फी के लिए ₹500 तक खर्च करेगा. एडवेंचर एसोसिएशन इसका पूरा विरोध करता है.
इस टैक्स का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इन लोगों द्वारा औली बंद का आवाहन किया जा रहा है. इस फैसले को जब तक पर्यटन विभाग वापस नहीं लेता, तब तक वे लगातार विरोध करते रहेंगे. शुक्रवार से वे औली बंद करने जा रहे हैं. होटल, स्थानीय व्यवसाय सहित सभी चीजों को बंद रखने का आह्वान किया जा रहा है.