इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईद के मौके पर मस्जिद खोलने के मुद्दे पर दखल देने से इंकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि पहले यूपी सरकार के पास मस्जिद खोलने के लिए अर्जी दें.
अगर सरकार की तरफ से अर्जी खारिज की जाती है तो ही इस मुद्दे पर यूपी हाईकोर्ट दखल देगी. बता दें कि ईद के मौके पर उत्तर प्रदेश में मस्जिदों को खोलने को लेकर यूपी हाईकोर्ट के सामने अर्जी रखी गई थी.
ईद के मौके पर यूपी में मस्जिद और ईदगाह खोलने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिलहाल सीधे तौर पर राहत देने से इनकार किया है.
हाईकोर्ट ने कहा है कि पहले राज्य सरकार से अनुरोध करें अगर राज्य सरकार अर्जी खारिज करती है तब हाईकोर्ट सुनवाई करेगा
ये मामला ईद की नमाज़ के लिए यूपी की मस्जिदों व ईदगाहों को एक घंटे खोले जाने की मांग को लेकर है जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर कोई राहत देने से इंकार कर दिया है.
अदालत ने कहा कि पहले राज्य सरकार से अनुरोध किया जाए और राज्य सरकार का अनुरोध खारिज होने या फिर अर्जी पेंडिंग होने पर ही हाईकोर्ट में अर्जी डालें.
हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी मांग के लिए सीधे हाईकोर्ट आना उचित नहीं है. हाईकोर्ट के वकील शाहिद अली सिद्दीकी की अर्जी पर हाईकोर्ट ने सीधे दखल देने से इंकार कर दिया है और हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अर्जी निस्तारित कर दी है.
बता दें कि हाईकोर्ट में डाली गई अर्जी में ईद की नमाज़ के लिए प्रदेश के ईदगाहों व मस्जिदों को ईद के दिन एक घंटे खोले जाने की अनुमति देने की मांग की थी.
ईद के साथ ही जून महीने तक जुमे के नमाज़ के लिए हर शुक्रवार को एक घंटे खोलने की भी इजाज़त की मांग की थी. इसके लिए दलील दी गई थी कि ईद व जुमे की नमाज़ जमात के साथ ही होती है.
अगले हफ्ते ईद का त्योहार है और इस दिन लोगों को इबादत के लिए ईदगाह और मस्जिद जाने की अनुमति दी जाए, इस मांग को रखा गया था लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि वो इस मामले में दखल नहीं देगी और सरकार के पास जाकर इस बात की अर्जी देनी होगी.
दरअसल लॉकडाउन 4.0 के दौरान भी धार्मिक स्थलों को बंद ही रखने का आदेश आया है और इसी के चलते ये मांग उठी है क्योंकि इसी महीने ईद का त्योहार है.