एंटी करप्शन ब्यूरो ने गुरुवार को ESIC डिस्पेंसरी के सेंट्रल मैनेजर विनोद को 11 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। विनोद पर आरोप है कि वह मजदूरों को दुर्घटना मुआवजे की मंजूरी दिलाने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। शिकायतकर्ता सागर राय की सूचना पर ACB ने जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ा।
शिकायत और कार्रवाई
सागर राय, जो औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों को काम उपलब्ध करवाता है ने बताया कि एक फैक्ट्री में मशीनों पर काम के दौरान दो मजदूर दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। मुआवजे की मंजूरी के लिए ESIC मैनेजर विनोद से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन उसने अनुमोदन में देरी की और बाद में 16 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। सागर ने इसकी शिकायत ACB को दी।
रंगे हाथों गिरफ्तारी
ACB ने सागर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एक योजना बनाई। सागर को केमिकल लगे 11 हजार रुपये दिए गए। गुरुवार को सागर ने विनोद को रिश्वत की राशि दी, और तभी ACB की टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। ACB ने विनोद के खिलाफ केस दर्ज कर उसे रोहतक लाया।
विनोद मूल रूप से सोनीपत का निवासी है और तीन महीने पहले फरीदाबाद से सोनीपत स्थानांतरित हुआ था। बताया जाता है कि उसके खिलाफ पहले भी कई गंभीर शिकायतें दर्ज थीं, जिनकी जांच जारी है।
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