भारत से 2021 में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी के साथ-साथ 2023 में होने वाले विश्व कप की मेजबान छीनी जा सकती है। आइसीसी ने बीसीसीआइ को 2016 टी-20 विश्वकप की टैक्स कटौती की राशि देने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर उनसे 2021 में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी और 2023 में होने वाले वन-डे विश्वकप की मेजबानी भी छीनी जा सकती है। भारत में 2016 में हुए टी-20 विश्वकप के लिए राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने कर में छूट नहीं दी थी। आइसीसी ने 160 करोड़ रूपये 31 दिसम्बर तक देने के लिए कहा है। बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने यह मांग की है जो इस समय आइसीसी के अध्यक्ष हैं।
एक और बात यह भी है कि बीसीसीआइ कर कटौती का भुगतान नहीं करता है तो मौजूदा वित्तीय राजस्व में से यह राशि काट ली जाएगी। पप्रशासकों की समिति के पास इस मसले पार विचार करने के लिए अब काफी अल्प समय बचा है। स्टार नेटवर्क ने उस विश्वकप की कवरेज की टैक्स कटौती के बाद आइसीसी को राजस्व राशि दी थी। आइसीसी अब इस राशि का भुगतान बीसीसीआइ से करवाना चाहता है।
सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआइ ने आइसीसी से यह मांग करने का विचार किया है कि टैक्स छूट पर सहमति का विवरण प्रस्तुत किया जाए। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि बीसीसीआइ को फ़िलहाल आइसीसी की तरफ से किसी भी तरह की आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अभी तक मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। देखना दिलचस्प रहने वाला है कि दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड आइसीसी की धमकी का जवाब कैसे देता है। विश्वकप की मेजबानी किसी भी देश या बोर्ड के लिए एक बड़ा पल होता है। 2023 में होने वाला विश्वकप भारत में होना प्रस्तावित है। टैक्स कटौती राशि के मामले में आगे क्या बातें सामने आएगी, यह देखने वाली बात रहेगी। बोर्ड इसमें कानूनी रास्ता भी अपना सकता है।