पिछले साल के मुकाबले इस बार नीट के लिए ढाई लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। साल 2018 के नीट में करीब 13 लाख स्टूडेंट्स ने पंजीकरण करवाया था। नीट-2019 के लिए आखिरी तारीख तक 15 लाख 76 हजार 250 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया। डमी फाॅर्म की संख्या को हटा दिया जाए तो भी यह संख्या 15.50 लाख तक पहुंचेगी। लगातार बढ़ यही स्टूडेंट्स की संख्या के कारण नीट में कॉम्पीटिशन और भी बढ़ेगा।
नीट के आधार पर ही आयुष कोर्स में दाखिला
मेडिकल डिविजन कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट की माने तो इस साल नीट में उम्र की सीमा के बंधन को हटाते हुए 25 साल से अधिक आयु के स्टूडेंट्स को भी फाॅर्म फिलिंग में भाग लेने की इजाजत दी गई। इस कारण भी यह संख्या बढ़ी है। दूसरा बड़ा कारण विभिन्न राज्यों के आयुष कोर्सेज में भी नीट के जरिए ही एडमिशन होता है। आयुर्वेद, होम्योपैथी सहित अन्य कोर्सेज में नीट की एलिजिबिलिटी अनिवार्य है। पिछले साल तक कुछ राज्यों ने ही आयुष काेर्स के लिए नीट अनिवार्य किया था। इस साल अधिकांश राज्य नीट के आधार पर ही आयुष कोर्स में दाखिला देंगे।
बता दें एम्स ने भी फाॅर्म फिलिंग के दौरान हुई गलतियों को सुधारने के लिए पोर्टल शुरू किया है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान अगर छात्र के नाम, थंब इंप्रेशन में कोई गलती है तो उसमें सुधार के लिए वह इस पोर्टल पर अपना आग्रह भेज सकते हैं। करेक्शन का मौका बाद में भी दिया जाएगा। इसके बाद नीट रजिस्ट्रेशन का दूसरा दौर शुरू हो जाएगा।